



संकरा पुल होने के कारण आए दिन लगता है जाम, बड़ी दुर्घटना घटने की आशंका से भयभीत हैं स्थानीय लोग
जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह
बेतिया/वाल्मीकिनगर:- गंडक बैराज से निकलने वाली मुख्य तिरहुत नहर के ऊपर बना तीन आरडी पुल आजकल उपेक्षा के कारण जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। पुल के दोनों तरफ का रेलिंग जर्जर हो चुका है जिसके कारण बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा है। चौड़ीकरण व पुल के मरम्मत करने की मांग पूर्व से ही उठाई जा रही है । इस पुल के संकरा होने के कारण साल में दर्जनों बार दुर्घटना होते रहती है। दुर्घटना के बाद भी अब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।बताया जाता कि पुल संकरी है ,जिससे बराबर दुर्घटना के साथ-साथ जाम लग जाता है। जब-जब यहां कोई दुर्घटना होती है, तब-तब ग्रामीणों द्वारा पुल चौड़ीकरण की मांग जोर पकड़ती है। फिलहाल पुल के दोनों तरफ का रेलिंग कुछ भाग टूट गया है। ग्रामीण बताते है कि जब मांग होती है तब आश्वासन दिया जाता है कि इसकी समाधान जल्द हो जाएगा,लेकिन होता कुछ नहीं है। समाजसेवी अमित सिंह ने कहा कि नहर पर बना पुल बहुत ही संकीर्ण है। इसका चौड़ीकरण जरूरी है। इसकी चौड़ीकरण व मरम्मती नहीं किया जाना दुर्भाग्य की बात है। इस पुल से प्रतिदिन छोटी-बड़ी सैकड़ों गाड़ियां गुजरती है।बावजूद इस तरह की ज्वलंत समस्या की ओर सरकार का ध्यान नहीं जाता है। सड़क चौड़ी होते चली गयी ,लेकिन संकीर्ण पुल को चौड़ा नहीं किया जा सका। सरकारी उदासीनता के कारण अब तक इसे चौड़ीकरण नहीं किया गया,लोगों ने संबंधित विभाग से चौड़ीकरण कराये जाने की मांग की है ,ताकि भविष्य में दुर्घटना पर रोक लग सके। जानकारी के अनुसार, पुल तक पहुंचने वाली सड़क की चौड़ाई 7 मीटर है, लेकिन नहर पर बना पुल अभी तक चौड़ा नहीं किया गया है। इस विसंगति के कारण पुल पर अक्सर यातायात धीमा हो जाता है और भीड़भाड़ की स्थिति बन जाती है, जिससे राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इस बाबत मुख्य तिरहुत कैनाल के कनीय अभियंता वीरोध्वज सरकार ने बताया कि इस पुल की मरम्मती और चौड़ीकरण के लिए पैमाइश कर लिया गया है, जिसका रिपोर्ट विभाग को भेजा गया है। जैसे पुल के चौड़ीकरण और मरम्मती का निर्देश प्राप्त होगा, आगे की प्रक्रिया शुरू कर दिया जाएगा। फिलहाल विभाग का फोकस चमैनिया मोड़ के पास स्थित पुल का है, जिसका डीपीआर बनकर तैयार हो चुका है।
बोले ग्रामीण
स्थानीय लोगों में इसरायल अंसारी, पारस शाह बबलू जायसवाल, हैदर कुरैशी का कहना है कि यह पुल पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर का हिस्सा है। जिसकी क्षमता वर्तमान यातायात के लिए अपर्याप्त है।जर्जर और संकरा पुल सुरक्षा के लिए खतरा बनता जा रहा हैं, खासकर जब उन पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले भारी वाहन गुजरते हैं। यह पुल आज के ट्रैफिक के लिए अपर्याप्त हैं, इसलिए उन्हें चौड़ा या नया बनाना जरूरी है।










