



जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,
बेतिया/वाल्मीकिनगर:- गंडक बराज के समीप बना ऐतिहासिक पार्क वर्षों से उपेक्षित पड़ा है। जलसंसाधन विभाग के सौजन्य से गंडक बराज नियंत्रण कक्ष के समीप बने इस ऐतिहासिक पार्क को वर्तमान में अपने उद्धारक की तलाश है। गंडक बराज का शिलान्यास चार मई 1964 को हुआ था। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा गंडक बैराज शिलान्यास को लेकर इस सुंदर पार्क का निर्माण कराया गया था। उसी वक्त ऐतिहासिक गंडक बराज पार्क का निर्माण भी हुआ। पूर्व में इस पार्क में देसी विदेशी पर्यटकों की भारी भीड़ जुटती थी। यहां पानी के फव्वारे एवं रंग बिरंगे फूल लगे थे। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु एवं नेपाल के तत्कालीन महाराजा महेन्द्र वीर विक्रम शाह के आगमन का गवाह रहा यह पार्क देखरेख के अभाव में अत्यंत खराब स्थिति में है। आज के समय में यह पार्क अपने बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है।
अब पार्क में नहीं जाते पर्यटक, कभी जुटते थे देसी-विदेशी सैलानी
इस की भौगोलिक स्थिति अत्यंत ही सुंदर एवं रमणीक है। एक और गंडक नदी का शांत किनारा है तो दूसरी ओर नियंत्रण
कक्ष की शानदार इमारत। साथ में ऐतिहासिक गंडक बराज। नेपाली क्षेत्र में स्थित विशाल पहाड़ का गंडक नदी के शांत पानी में दिखता प्रतिबिम्ब, मानो स्वर्ग धरा पर उत्तर आई हो।
सूर्योदय एवं सूर्यास्त का अद्भुत नजारा यहां से सूर्योदय एवं, सूर्यास्त का नजारा अपने आप में अनूठा है।
गंडक बराज के शांत जलाशय में रात में बिजली के बल्ब का प्रतिबिम्ब मुंबई के मैरीन ड्राइव की याद को ताजा कर जाता है।
एक दशक पूर्व हुआ था जीर्णोद्धार
गडक बराज के तत्कालीन सहायक अभियंता अमरेंद्र कुमार पाठक के कार्यकाल में इस पार्क का जीर्णोद्धार किया गया था। उस वक्त इस पार्क की सुंदरता में चार चांद लग गए थे। यहां दूर दराज से आए पर्यटक सेल्फी लेना नहीं भूलते थे, लेकिन उनके तबादले के बाद पाक की स्थिति बदतर हो गई है। वर्तमान में कोई भी पर्यटक इस पार्क में नहीं जाना चाहता है। क्योंकि यह बंद पड़ा है। पार्क में घास उग आई है। इसके रख रखाव की कोई व्यवस्था नहीं है। इस वजह से पार्क पूरी तरह से बेकार हो गया है। सर्दियों के मौसम में यहां से हिमालय पर्वत श्रृंखला का दीदार कश्मीर की वादियों की याद ताजा कर जाता है। थके-हारे राहगीरों के लिए सकून के पलों को बिताने के लिए यह जगह सर्वोत्तम है। इस पार्क के सौंदर्यीकरण एवं जीर्णोद्धार की योजना फिलहाल नहीं है। इकबाल अनवर कार्यपालक अभियंता, जल संसाधन विभाग, वाल्मीकि नगर।










