



सुधीर कुमार सिंह जिला रिपोर्टर बांका
बिहार/बांका। विहार राज्य के सभी जिलों में श्रधा स्वच्छता, पवित्रता, के साथ हिन्दू समुदाय के लोगों द्वारा छठ ऐसे महान पर्व को बड़ी भक्ति के साथ मनाया जाता है। ब्रत करने बाली महिला हो या पुरुष पर्व प्रारंभ के पहले गंगा स्नान करेंगी लहसून, प्याज आदी का वर्जन कर देती है चार दिन का यह महा पर्व के प्रति लोगों का आस्था सूर्य देव छठिमैया से जुड़ जाता है सारीरीक कष्ट का निवारण को लेकर , पुत्र की कामना को लेकर पति , पुत्र के लम्बी उम्र को कामना को लेकर यह महा पर्व छठ किया जाता है और भगवान भास्कर सूर्य देव सबो के मनोकामना पूर्ण कर देते हैं 25 अक्टूबर को कद्दू भात,26 अक्टूबर को खरना 27 अक्टूबर को संध्या नदी घाट नहर घाट ,तलाव घाट ,बांध घाट गंगा घाट आदी अन्य जगहों पर

बड़ी भक्ति भाव श्रद्धा के साथ शारदा सिन्हा के प्रचलित छठ मां का गीत मारबो रे सुगवा धनुष धरी सुगा गीरे मुर्झा लोक आस्था का महा पर्व छठ को लेकर हर गांव व कस्बों में भक्ति मत वाता वरण बन जाता है हर जगहों पर छठ मैया का ही गीत सुनाई जाती है मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्ध्य देने के उपरांत चार दिनों का यह महान बड़ा पर्व संपन्न हो जायगा इस महापर्व में मिट्टी का चुलहा और आम के लकड़ी का बहुत बड़ा महत्व माना जाता है ।कयी जगहों पर सात घोडो के साथ सूर्य भगवान की प्रतिमा भी बनाया जाता है ।










