



जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,
बेतिया/वाल्मीकिनगर। वीटीआर प्राकृतिक सौंदर्य एवं वन्यजीवों के अधिवास क्षेत्र के तौर पर जाना जाता है। ऐसा ही एक दुर्लभ दृश्य वीटीआर से सामने आया है, जहां वन मार्ग पर एक भालू सोते जागते अठखेलियां करता हुआ दिखाई दे रहा है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो के माध्यम से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह क्षेत्र वीटीआर के रोहुआ नाला मार्ग का है। पर्यटकों द्वारा वायरल किए गए वीडियो में भालू कभी सो रहा है, कभी पैरों को उठाकर अंगड़ाइयां ले रहा है, तो कभी बैठ रहा है। इस बाबत वाल्मीकिनगर रेंजर श्रीनिवासन नवीन ने बताया कि वन्यजीवों के लिए वर्तमान में अनुकूल मौसम है। भीषण गर्मी के बाद वन्य जीवों को अनुकूल मौसम मिला है, जिसके कारण उन्हें गर्मी से राहत मिली है, और वे अठखेलिया करने में लगे हुए हैं। जरूरत है, उनसे छेड़छाड़ नहीं किया जाए। जितना दूरी बनाकर रहेंगे उतना ही फायदा होगा।
चार दिन पूर्व पर्यटकों को दिखा था आराम फरमाता तेंदुआ : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में चार प्रजाति के हिरण, सांभर, गौर, तेंदुआ, भालू, जंगली कुत्ता के साथ 60 से ज्यादा बाघों का अधिवास क्षेत्र है। चार दिन पूर्व हाजीपुर से आए पर्यटकों को रोहुआ नाला जंगल में भीषण गर्मी में पेड़ के नीचे आराम फरमाता तेंदुआ दिखाई पड़ा था। जिसे देखकर पर्यटक काफी रोमांचित हुए थे। अब भालू को सोते जागते दिखाई देना पर्यटन के लिए और अच्छा साबित होगा।
वीटीआर में गौर की संख्या 400 से पार: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में सबसे ज्यादा तादाद जंगली भैंसे अर्थात गौर की है। वन विभाग की माने तो वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में गौर की संख्या 400 से पार हो चुका है। वही हिरणों की संख्या भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। उसके पीछे भालू तेंदुआ और बाघों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। वन्यजीवों के संख्या में इजाफा के लिए ही वन विभाग द्वारा पर्यटन सत्र की समाप्ति की घोषणा की जाती है। जो लगभग 4 महीने तक रहता है।










