




विवेक कुमार सिंह की रिपोर्ट..
विभागीय आदेश से बढ़ी परेशानी, 11:30 में बच्चे तो 12:30 बजे घर जा रहे शिक्षक
बेतिया/वाल्मीकिनगर। आगमन और प्रस्थान के समय विद्यालय का नाम ई- शिक्षा कोष एप में आना जरूरी,
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा प्रत्येक महीने नए-नए नियम लागू करने से शिक्षक वर्ग परेशान हो गया है। सुबह सत्र की पढ़ाई सुबह 11:30 तक चल रही है। जबकि शिक्षकों को दोपहर 12:30 बजे हाजिरी बनाकर घर जाते हैं। जिस समय गर्मी और धूप अपने पूरे शबाब पर होता है, उस समय बच्चे चिलचिलाती धूप में सिर पर बैग और किताब रखकर घर जा रहे हैं। जिससे अनहोनी होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती है। शिक्षा विभाग द्वारा छुट्टी का समय उस समय रखा गया है, जिस समय लोग गर्मी और धूप के कारण घरों में दुबके रहते हैं। लेकिन छोटे-छोटे बच्चे अभिभावकों और शिक्षकों के दबाव में विद्यालय जाते हैं, लेकिन वे सुरक्षित नहीं है, इस पर ध्यान किसी का नहीं जाता है। सरकारी विद्यालयों में प्राय: गरीब वर्ग के बच्चे पढ़ने जाते हैं। जिनके माता-पिता को निजी विद्यालयों में पढ़ाने की क्षमता नहीं होती है। वे अभिभावक इस चीज से अनभिज्ञ रहते हैं की तेज धूप और चिलचिलाती गर्मी के कारण उनके बच्चे बीमार भी पड़ सकते हैं। वर्तमान में स्थिति ऐसा बना हुआ है कि, तेज धूप के कारण कभी भी, कोई भी अनहोनी हो सकती है। इस पर अभिभावकों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
शिक्षक धूप में खड़े होकर प्रस्थान का बनाते हैं हाजिरी
नौकरी क्या चीज है अगर इसको देखना है तो दोपहर 12:30 बजे किसी विद्यालय के समक्ष खड़ा होकर देखा जा सकता है। शिक्षा विभाग के बदलते नियम के कारण शिक्षक भी परेशान हो गए हैं। सरकार द्वारा आदेश पारित है कि ई- शिक्षा कोष पर आगमन और प्रस्थान का उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य है, जिसमें विद्यालय का नाम दिखना चाहिए। सुबह के समय उपस्थिति दर्ज करने में दिक्कत तो नहीं होती है, लेकिन प्रस्थान के समय विद्यालय के शिक्षक पंक्तिबद्ध खड़े होकर इधर-उधर घूम कर नेटवर्क मिलने, और ई- शिक्षा कोष में फोटो के साथ विद्यालय का नाम आने का इंतजार करते रहते हैं। इस दर्द को शिक्षक बयां करने में भी संकोच करते हैं। ताकि कोई अधिकारी उनसे स्पष्टीकरण ना पूछ ले। बच्चों के पालन पोषण के लिए नौकरी का दर्द, चिलचिलाती धूप में खड़े होकर हाजिरी बनाना अब उनके लिए आदत सी बन गई है।
3 दिन लेट- कट जाती है एक दिन की हाजिरी
शिक्षा विभाग का फरमान ऐसा कि शिक्षक किसी को बता भी नहीं सकते। वाल्मीकिनगर क्षेत्र के कई विद्यालयों के शिक्षकों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि सुबह 6:30 बजे तक उपस्थिति दर्ज कर लेनी है। अगर तीन दिन लगातार लेट हो गया तो 1 दिन की हाजिरी कट जाती है। जिसके कारण बिना कुछ खाए पिए हम लोग दोपहर तक भूखे प्यासे रहते हैं।