




वाल्मीकि नगर से विवेक कुमार सिंह की रिपोर्ट..
वाल्मीकि विहार परिसर में आदिवासी महिलाओं एवं पुरुषों द्वारा नृत्य एवं गीत की प्रस्तुति देख रोमांचित हुए एनडीए के नेता
वाल्मीकिनगर। बिहार सरकार में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ सुनील कुमार अपने दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार की देर रात वाल्मीकिनगर पहुंचे। वाल्मीकिनगर पहुंचने पर वन संरक्षक डॉ नेशा मणि व डीएफओ पीयूष बरनवाल द्वारा भव्य स्वागत किया गया। बुधवार की संध्या वन विभाग द्वारा मंत्री के स्वागत में झुमरा, झरका व डांडिया नृत्य की प्रस्तुति कराई गई। वाल्मीकि विहार परिसर में आदिवासी महिलाओं एवं पुरुषों द्वारा प्रस्तुत की गई नृत्य को देखकर वाल्मीकिनगर सांसद सुनील कुशवाहा, जदयू के वरीय नेता अजय कुशवाहा, बगहा के पूर्व विधायक प्रभात रंजन, सीएफ डॉक्टर नेशामणि व एनडीए के कार्यकर्ता मंत्र मुग्ध हो गए। इस दौरान वन मंत्री डॉ सुनील कुमार ने आदिवासी महिलाओं एवं पुरुष कलाकारों के साथ उनके कला एवं संस्कृति के बाबत जानकारियां भी हासिल की। मंत्री ने बताया कि इन कलाकारों पर बिहार सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।इनकी कला को अगर विकसित किया जाए तो वाल्मीकि नगर में पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा। इन कलाकारों के बारे में मैं कला एवं संस्कृति विभाग के मंत्री से बात करूंगा। इतनी सुंदर प्रस्तुति, अन्यत्र कहीं नहीं मिलेगी। जंगल क्षेत्र से सटे गांव के रहने वाली महिलाओं द्वारा की गई प्रस्तुति बहुत ही सराहनीय है। मैं केवल इसके बारे में सुनता था, आज देखने को मिल गया।
कलाकारों ने नृत्य एवं गीत के बाबत मंत्री को दी जानकारी
वाल्मीकि विहार परिसर में बुधवार की रात वन मंत्री के स्वागत में आदिवासी महिलाओं एवं पुरुषों द्वारा प्रस्तुत की गई नृत्य एवं गीत की विशेषता के बारे में कलाकारों ने बारीकी से जानकारी दी। लोक नृत्य गायिका ममता थारू लक्ष्मी महतो ने बताया कि यह नृत्य थारु जनजाति का लोक नृत्य है।जो किसी विशेष अतिथि के लिए प्रस्तुत की जाती है। डांडिया नृत्य फिल्मी गीतों पर प्रस्तुत की जाती है। वही झमटा नृत्य फसलों की बुवाई के समापन पर, जिस किसान का पहले फसल बुवाई हो जाता है, उस खुशी में प्रस्तुत की जाती है। उस दौरान किसान से इनाम स्वरूप राशि लेकर सामाजिक कार्यों में खर्च होता है। वन विभाग द्वारा टूर पैकेज पर आने वाले पर्यटकों के लिए भी आदिवासी पुरुष एवं महिलाओं द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली नृत्य एवं गीत की प्रस्तुति कराई जाती है। जो शनिवार और रविवार को होता है।