चमकी के लक्षण मिलते ही बच्चों को तुरंत सरकारी अस्पताल ले आएं, देरी न करें- डीएम

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बिहार/मोतिहारी। जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक की अध्यक्षता  में सदर अस्पताल सभागार  में जेई/एईएस के नियंत्राणार्थ जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। बैठक में डीएम ने जिले भर में एईएस/जेई पर पूर्ण नियंत्रण को लेकर  कहा कि संबंधित विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर गंभीरता पूर्वक कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा आगनबाड़ी केंद्र, शिक्षा, परिवहन, जीविका, पंचायती राज विभाग, आपूर्ति विभाग, निजी संस्थान जमीनी स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों में जागरूकता फैलाएं। साथ ही प्रभावित मरीज को चिह्नित  कर समुचित उपचार करना सुनिश्चित करें। डीएम ने पीपीटी के माध्यम से चर्चा के क्रम में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।जिलाधिकारी ने कहा कि गर्मी बढ़ने के साथ ही जिले में एईएस/जेई का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इससे बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग एवं प्रभावित प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व आशा, आईसीडीएस, जीविका के साथ ही अन्य विभाग अलर्ट मोड में रहे। ताकि एईएस/जेई के प्रभाव से बच्चों को सुरक्षित किया जा सके। उन्होंने  निर्देश दिया कि एईएस/जेई से ग्रसित बच्चों को अस्पतालों में 24 घण्टे इमरजेंसी इलाज की सुविधा उपलब्ध कराएं। व्यापक पैमाने पर प्रचार प्रसार कराना सुनिश्चित करें। एईएस के मामलों से बच्चों को बचाने के लिए सभी पीएचसी के प्रभारियों व स्वास्थ्य अधिकारियों को अलर्ट रहना होगा। उन्होंने बताया कि अप्रैल से जुलाई तक के महीने में छह माह से 15 वर्ष तक के बच्चों में चमकी की संभावना ज्यादा होती है। उन्होंने बताया कि बच्चों को सुरक्षा के लिए धूप में निकलने से बचना चाहिए। अधपके कच्चे फल का सेवन नहीं करना चाहिए।  साथ ही साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। चमकी से प्रभावित बच्चों का सही समय पर तुरंत इलाज होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि चमकी के लक्षण मिलते ही बच्चों को तुरंत सरकारी अस्पताल ले आएं, बिल्कुल भी देरी न करें। जिलाधिकारी के अनुसार जिले में पीकू वार्ड पूरी तरह सुव्यवस्थित है। पीएचसी स्तर पर कोआर्डिनेशन प्लान तैयार कर ग्रास रूट लेवल पर मरीजों की इलाज सुनिश्चित की जाए। पार्टनर एजेंसी के साथ मॉक ड्रिल सुनिश्चित की जाए। गोल्डन आवर में मरीजों के लिए एंबुलेंस, आवश्यक दवा की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। विशेषकर महादलित टोला में अभियान चलाकर विकास मित्र, आंगनबाड़ी सेविका/ सहायिका, स्थानीय जनप्रतिनिधि छोटे बच्चे एवं उनके माताओं को जागरूक करना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि 24 x 7 नियंत्रण कक्ष हर हाल में क्रियाशील रखें। इस अवसर पर  अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, यूनिसेफ, डब्ल्यू एचओ प्रतिनिधि, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, केयर डीटीएल, डॉ  परवेज, डॉ  शंभू शरण, डॉ पंकज, डॉ अमृतांशु आदि उपस्थित थे।

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