



बेतिया/बगहा/भितहा। क्या आपने कभी सुना है कि जीवन रक्षक दवाओं से ज्यादा कीमती ‘फोन की कॉल रिकॉर्डिंग’ हो सकती है? भितहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) इन दिनों इलाज के लिए नहीं, बल्कि एक ‘रहस्यमयी डील’ को लेकर चर्चा में है.गलियारों में एक ऑडियो गूंज रहा है, जिसने ‘सफेद कोट’ के पीछे छिपे काले सच से पर्दा उठा दिया है।
एक ऑडियो से उजागर कहानी भ्रष्टाचार की
इस वायरल ऑडियो के किरदार हैं प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक (BHM) रंजन कुमार और एक अधीनस्थ कर्मचारी.बातचीत का लहजा किसी अस्पताल का नहीं, बल्कि किसी अंडरवर्ल्ड डॉन धमकी जैसा है. BHM साहब कहते हैं— “सोमवार को आकर बात करेंगे.” आखिर सोमवार को ऐसा क्या होने वाला है, जो फोन पर नहीं हो सकता? क्या यह केवल पैसा है, या भ्रष्टाचार की कोई गहरी जड़?जिसका संकेत यह ऑडियो कर रहा है।
वह अनकहे शब्द और खौफ का साया
ऑडियो में जब कर्मचारी कहता है, “सर, और भी डाले हैं,” तो चुप्पी बहुत कुछ बोल जाती है.यह चुप्पी गवाह है कि भितहा PHC अब मरीजों का अस्पताल नहीं, बल्कि ‘कमीशन का अड्डा’ बन चुका है.यहाँ फाइलें दवा से नहीं, ‘सुविधा शुल्क’ के ईंधन से चलती हैं. BHM की वह धमकी— “तुम्हारे सर पे नहीं आएगा?”— इशारा करती है कि इस दलदल में पैर बहुत गहरे धंसे हुए हैं.
सवाल जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे:
क्या बिना ‘ऊपर’ तक हिस्सा पहुंचे, कोई अधिकारी इतना बेखौफ हो सकता है?
क्या भितहा PHC में गरीब की जान से ज्यादा कीमत ‘मंडे मीटिंग’ की है?
यह ऑडियो सिर्फ एक अधिकारी का नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम के वेंटिलेटर पर होने का सबूत है. अब देखना यह है कि सुशासन की ‘जांच’ इस रहस्य को सुलझाती है या इसे हमेशा के लिए दफन कर देती है.चिकित्सा सेवा को कलंकित करने वाला एक शर्मनाक मामला सामने आने के बाद भितहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एक बार फिर चर्चा में है. यहाँ के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक रंजन कुमार का एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसमें वे अपने ही अधीनस्थ CHO से खुलेआम घूस की सेटिंग और कमीशनखोरी पर रौब झाड़ते सुनाई दे रहे हैं।










