




जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,
बेतिया/वाल्मीकिनगर:- वाल्मीकिनगर पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 2 पर बांटे गए एक्सपायरी दूध पाउडर को लेकर गुरुवार को स्थानीय ग्रामीणों ने हंगामा खड़ा कर दिया। सेविका द्वारा लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए महिलाओं ने संबंधित सेविका व अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। गौरतलब है कि वाल्मीकिनगर पंचायत क्षेत्र के केंद्र संख्या 2 पर एक्सपायरी दूध वितरण का मामला सामने आया तो अभिभावकों ने सेविका से शिकायत की। अभिभावकों ने बताया कि उसके बच्चे को उपलब्ध कराए गए दूध का पैकेट एक्सपायरी है, जिसके बाद अभिभावकों में व स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ गया। वार्ड संख्या 8 के वार्ड सदस्य केशव थापा ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र पर बांटे गए एक्सपायरी दूध पैकेट के मामले में जिला प्रशासन कड़ी कार्रवाई करे।
इस तरह की लापरवाही से कई अबोध बच्चों की जान जा सकती है। ग्रामीणों ने बताया कि संयोग से कुछ अभिभावक ने दूध की एक्सपायरी डेट चेक कर लिया था। सेविका मधु कुमारी ने हंगामा खड़ा किया महिलाओं से कहा कि आपके बच्चे मरे तो नहीं न इस बात को सुनकर और मामला और बिगड़ गया। सेविका मधु कुमारी ने ग्रामीणों से इसके लिए माफी मांगी।
प्रतिदिन देर से पहुंचती है सेविका
ग्रामीणों में निशा थापा ने बताया कि सेविका मधु कुमारी प्रतिदिन अपने केंद्र पर देर से आती है और जल्दी चली जाती है। बच्चों के पढ़ाई और स्वास्थ्य का उन्हें ख्याल नहीं रहता। कीड़ा लगे हुए चावल चना और सोयाबीन बनाया जाता है। इस पर अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई, और ना ही जांच ही की जाती है। यथाशीघ्र इस पर संबंधित अधिकारी संज्ञान नहीं लेंगे तो, हम लोग जिलाधिकारी को पत्र लिखेंगे। पोषक क्षेत्र के बच्चों के लिए उपलब्ध कराए गए दूध पर अगस्त 2025 की एक्सपायरी डेट अंकित है। अभिभावक ने सवाल उठाया कि अगर बच्चे को कुछ हो जाता तो, इसकी जिम्मेदारी कौन लेता? अभिभावकों ने एक्सपायरी दूध वितरण से जुड़े अधिकारियों व कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है। इस बाबत बगहा दो सीडीपीओ ने बताया मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं बच्चों के परिजनों ने बताया कि यह बच्चों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ है। आईसीडीएस विभाग में घोर लापरवाही की जा रही है। अगर इस पर कार्रवाई नहीं होती है तो आंदोलन करेंगे।बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रभाव एक्सपायरी मिल्क पाउडर या दूध का सेवन करने से बच्चों को फूड पॉइजनिंग जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।ग्रामीणों का आरोप है कि आंगनबाड़ी केंद्र कभी भी समय पर नहीं खुलता है और ना ही सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों को मिलता है।