




जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह
बेतिया/वाल्मीकिनगर। बीती रात जंगली हाथियों के दल को वीटीआर के कौलेश्वर स्थित हाथीशाला के पास देखा गया है। इस दल में करीब एक दर्जन हाथी बताए जा रहे हैं। हाथियों का दल देखने के बाद वीटीआर प्रशासन अलर्ट मोड में है। वहीं वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को अलर्ट किया गया है। जंगली हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है।बताते चलें कि इसके बाद अब वन विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इस बाबत वाल्मीकिनगर रेंजर अमित कुमार ने बताया कि वीटीआर में जंगली हाथियों की आमद को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।भोजन व वासस्थल की कमी से जूझ रहे जंगली हाथियों का रुख वीटीआर की ओर है। नेपाल के चितवन नेशनल पार्क से निकलकर जंगली हाथियों का दल वीटीआर के जंगलों में भ्रमण कर रहे हैं।
नेपाल के जंगलों में ग्रासलैंड कम होने से वहां के जंगली हाथी हर साल नदी- नालो को पार करके वीटीआर जंगलों में आ जाते हैं। कुछ दिन यहां रुकने के बाद नेपाल लौट जाते है।
दरअसल वीटीआर की विभिन्नता व ग्रासलैंड जंगली हाथियों को आकर्षित करता है। यहां के जंगल में वे सुरक्षित भी महसूस करते हैं। यही कारण है कि नेपाल के जंगली हाथी हर साल दुरुह सफर तय करके वीटीआर आते हैं।जंगली हाथियों को स्वछंद विचरण के लिए एक बड़े भू-भाग की आवश्यकता होती है। एक जंगल से दूसरे जंगल तक जाने के लिए यह प्राकृतिक गलियारों का इस्तेमाल करते हैं। कई बार भोजन के तलाश में भी यह गांवों का रुख कर लेते हैं।
जंगली हाथियों को पसंद आई वीटीआर की आबोहवा
जंगली हाथियों को वीटीआर की खूबसूरत वादियां और आबोहवा इस कदर रास आई कि वे यहां बार बार आ रहें हैं। वीटीआर में इनके आने का पुराना इतिहास रहा है।हाथी अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति बहुत ही संवेदनशील होते हैं। कोई जानवर या मनुष्य उनके बच्चे पर हमला न कर दे। इसलिए उनका झुंड बच्चों को चारों ओर से घेरकर खड़ा होता है। अकेला होने पर नर हाथी में हमला करने की प्रवृति भी देखी गई है।