महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वन विभाग की अनोखी पहल।

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अगरबत्ती निर्माण के लिए 42 महिलाओं को दिया जा रहा प्रशिक्षण, 5 दिवसीय प्रशिक्षण में शामिल होंगी ठाढ़ी, लक्ष्मीपुर व रमपुरवा की महिलाएं।

जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,

बेतिया/वाल्मीकिनगर। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के कौशल विकास केंद्र परिसर में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से पांच दिवसीय अगरबत्ती निर्माण प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया।जिसकी शुरूआत वाल्मीकिनगर रेंजर श्रीनिवासन नवीन की उपस्थिति में हुई।उन्होंने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि वीटीआर के वनवर्ती गांवों में इस कुटीर उद्योग को स्थापित कर विकास एवं रोजगार की रफ्तार बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि वीटीआर प्रशासन द्वारा वनवर्ती क्षेत्रों में समय-समय पर विभिन्न तरह का व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है। वाल्मीकिनगर में अगरबत्ती निर्माण कार्य की असीम संभावनाएं हैं। प्रतिभागी अगरबत्ती निर्माण कार्य की जानकारी को लगन से ग्रहण करें। ताकि अपने घर, दुकान आदि छोटे से छोटे जगहों पर भी इस कार्य को शुरू किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस कार्य को बढ़ावा देने के लिए सरकारी स्तर से बैंक ऋण दिया जाता है। इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण में 42 महिलाओं का चयन किया गया है। जिसमें ईको विकास समिति के तीन गांव क्रमश: लक्ष्मीपुर, रमपुरवा व ठाढ़ी शामिल है। प्रशिक्षक‌ संजना कुमारी, देवमणि कुमारी एवं दयानंद महतो ने बताया कि प्रशिक्षण में शामिल 42 महिलाओं को अगरबत्ती निर्माण के तौर-तरीकों की जानकारी दी गई। इससे महिलाएं आत्मनिर्भर होगी और रोजगार का अवसर मिलेगा।उन्होंने कहा कि अगरबत्ती निर्माण एक हजार रुपए की लागत से भी शुरू कर प्रत्येक माह 5-6 हजार रुपए कमाए जा सकते हैं। उन्होंने अगरबत्ती के रॉलिंग करने समेत विभिन्न प्रकार की प्रक्रियाओं की जानकारी दी। इस प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं की स्वरोजगार की राह आसान बनाई जा रही है। ताकि, वो स्वरोजगार शुरू कर सकें। मौके पर उन्होंने प्रशिक्षुओं से कहा कि अगरबत्ती के निर्माण की प्रक्रिया अत्यन्त सरल है। घर में ही कम पूंजी तथा बिना किसी मशीन के प्रयोग से यह इकाई स्थापित की जा सकती है। इसके निर्माण में घर के सभी सदस्य हाथ बंटा सकते हैं। इस प्रकार घरेलू स्तर पर ही अत्यन्त कम पूंजी से स्थापित करके यह उद्योग अनेक शिक्षित बेरोजगार युवकों एवं युवतियों के लिए जीविकोपार्जन का साधन बन सकता है। प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र से सभी प्रशिक्षु बैंक से ऋण भी ले सकते हैं। साथ ही अगरबत्ती निर्माण कर अपनी आमदनी को दिन-प्रतिदिन बढ़ा सकते हैं। इस अवसर पर
प्रशिक्षण में अगरबत्ती बनाने की प्रक्रिया, कच्चे माल की जानकारी, मार्केटिंग कौशल आदि सिखाए गए। यह व्यवसाय पर्यावरण के अनुकूल भी है। प्रशिक्षण उद्घाटन के पहले दिन रमपुरवा ईडीसी अध्यक्ष सुनील कुमार पांडेय, लक्ष्मीपुर अध्यक्ष विनय महतो एवं ठाढ़ी अध्यक्ष टोकेश कुमार उपस्थित रहे।

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