गर्मी ने न वीटीआर की सुरम्य वादियों को बख्शा, न लोकप्रिय पर्यटन स्थलों को।

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पर्यटकों से गुलजार रहने वाले वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पसरा है सन्नाटा

विवेक कुमार सिंह की रिपोर्ट…

बेतिया/वाल्मीकिनगर। इंडो-नेपाल सीमा पर अवस्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में मौसम तल्ख होते ही यहां वीरानगी छाने लगी है। बिहार के इस एकमात्र टाइगर रिजर्व को बिहार के ‘मिनी कश्मीर’ के नाम से जाना जाता है। जहां गर्मी की वजह से पर्यटक कम आ रहे हैं। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में सैलानियों के कम आमद से विभाग को आर्थिक नुकसान हो रहा है।

सीजन में सैलानियों से गुलजार रहने वाला पर्यटन नगरी फिलहाल सैलानियों के आने की बाट जोह रहा है।

बताते चलें कि प्रत्येक वर्ष वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में
लाखों की संख्या में पहुंचते हैं पर्यटक प्रत्येक पर्यटन सत्र में वीटीआर के मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य का दीदार करने और जंगल सफारी, बोटिंग सहित धार्मिक स्थलों पर घूमने की हसरत लेकर लाखों की संख्या में यहां पर्यटक नेपाल, बिहार और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से पहुंचते हैं। ऐसे में इस पर्यटन सत्र में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के मौज मस्ती पर गर्मी ने ने पानी फेर दिया है। वहीं, स्थानीय लोगों का व्यवसाय भी सैलानियों के कम आने से प्रभावित हो रहा है।

दोपहर होते ही सड़कों पर सन्नाटा छा जाता है। वहीं भीषण गर्मी के कारण देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की भी संख्या में भी कमी दर्ज की जा रही है। वीटीआर में शनिवार और रविवार को विशेष चहल पहल रहती है। लेकिन विगत कुछ दिनों से पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है। शनिवार के दिन विशेष रूप से पैकेज टूर पर पर्यटक पहुंचते हैं। लेकिन इस सत्र में मात्र चार बार ही पैकेज टूर पर पर्यटक वाल्मीकिनगर भ्रमण के लिए आए हैं। शनिवार के दिन महज 13 पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ उठा सके। इस बाबत बाल्मीकि नगर रेंजर श्रीनिवासन नवीन ने बताया कि मौसम में बदलाव होते ही पर्यटकों का आगमन पहले जैसा हो जाएगा।

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