म्हारी छोरी-छोरो से कम है के… बेटियों ने फिर किया कमाल, दो चचेरी बहनों ने इंटरमीडिएट परीक्षा में लहराया सफलता का परचम।

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बेतिया से राजू शर्मा की रिपोर्ट

बेतिया/मझौलिया। बेटों के साथ-साथ बेटियों को भी पढ़ाना-लिखाना और उन्हें आत्म निर्भर बनाना वर्तमान समय की जरूरत है। बेटियां किसी भी मामलों में बेटों से कम नहीं है। बेटी के शिक्षित होने से मात्र एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा परिवार संस्कारित होता है। हरियाणा में एक कहावत काफी मशहूर है…….म्हारी छोरी-छोरो से कम है के……. दरअसल लोहियरिया पंचायत स्थित यादोछापर गांव की दो चचेरी बहनों ने इंटरमीडिएट परीक्षा में सफलता का परचम लहराया है । माता उप मुखिया पूनम देवी और पिता धिरज राय की लाडली रितिका कुमारी ने। राम लखन सिंह यादव महाविद्यालय बेतिया की छात्रा रितिका कुमारी ने वाणिज्य संकाय में पूरे पश्चिमी चंपारण जिले में 456 अंक लाकर थर्ड टॉपर का स्थान प्राप्त किया है।अपनी सफलता का श्रेय रितिका कुमारी ने अपने माता-पिता दादा दादी और गुरुजनों को देते हुए बिहार पुलिस सेवा में जाने का अपना लक्ष्य निर्धारित किया है। रितिका कुमारी की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल बेतिया में हुई है। वहीं दूसरी और रितिका की खास चचेरी बहन अनम्या कुमारी राम लखन सिंह कॉलेज बेतिया के साइंस संकाय में प्रथम स्थान प्राप्त कर सफलता का परचम लहराया है। अनम्या की माता अलका देवी तथा पिता मोहन कुमार राय अपनी लाडली बेटी की पढ़ाई के लिए सब कुछ करने को तैयार है। अनम्या का लक्ष्य भविष्य में डॉक्टर बनकर मरीजों की सेवा करना है। दोनों बहनों ने आज के युवा वर्ग को सुझाव दिया है कि नियमित रूप से ईमानदारी पूर्वक परिश्रम करने से सफलता अवश्य मिलती है। इसलिए समय के महत्व को समझे तथा अपना समय व्यर्थ में न गंवाएं। व्यर्थ की दोस्ती और मोबाइल से दूर रहे।दोनों बहनों की सफलता से परिजनों में काफी हर्ष है। समाजसेवी बबलू पांडे ने हर्ष ब्यक्त करते हुए कहा कि आज के दौर में सामाजिक बदलाव होने से लड़कियां भी किसी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं है। उनके सम्मान में हर वर्ग से सामाजिक बढ़ावे के प्रयास किये जा रहे हैं।लोगों को बेटा और बेटी के बीच भेदभाव नहीं करना चाहिए।

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