




पूर्व प्राचार्य पंडित भरत उपाध्याय नेआज पूर्णिमा के अवसर पर सत्यनारायण व्रत कथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि-सत्य वचन में प्रीति कर ले ,सत्य वचन प्रभु वास। सत्य के साथ प्रभु चलते हैं ,सत्य चले प्रभु साथ।। माघी पूर्णिमा की सुबह पास के किसी लक्ष्मी मंदिर में जाएं और 11 गुलाब के फूल अर्पित करें। इससे माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की कृपा भी आपको प्राप्त होती है। वैसे तो सभी पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा होती है किंतु माघ मास की पूर्णिमा पर इसका महत्व बढ़कर बताया गया है। शाम को भगवान सत्यनारायण की पूजा कर, धूप, दीप नैवेद्य अर्पण करें। भगवान सत्यनारायण की कथा सुनें। माघी पूर्णिमा पर दान का भी विशेष महत्व है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन जरूरतमंदों को तिल, कंबल, कपास, गुड़, घी, मोदक, फल, अन्न आदि का दान करना विशेष फलदाई होता है।