




विद्या एक ऐसा धन है जिसे न ही कोई चोर चुरा सकता है,न ही राजा छिन सकता है और न ही भाइयों के बीच बंटवारा हो सकता है, यह सदैव खर्च करने पर बढ़ता है। यह विद्या रुपी धन, सभी धनों से सर्वश्रेष्ठ धन है। अतः सावधान रहें!आज चकाचौंध और भागम भाग की जिंदगी में हम अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना भूलते जा रहे हैं और स्कूल व दूसरों के भरोसे अपनी सबसे कीमती चीज अपने बच्चों में शिक्षा और संस्कार देने के भरोसे बैठे रहते हैं। जब हमें अपने बच्चों के व्यवहार में असंस्कार, रुखापन, गैरजिम्मेदारी आदि के लक्षण दिखाई देते हैं तब माथे पर बल पड़ जाते हैं लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और आपका बच्चा बिगड़ चुका होता है। अपने बच्चों में अच्छे संस्कार भरने के लिए हर माता पिता को यह बातें ज्ञात होनी चाहिए तथा स्कूल जाने वाले सभी बच्चों के अभिभावकों तक यह जानकारी पहुंचाने में मदद करें।शाम 08:00 बजे तक टीवी बंद कर दें। टीवी पर आठ बजे के बाद आपके बच्चे से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं होता है। उनसे बातें कीजिए, उनकी भावनाओं को समझिए। अपने बच्चे की स्कूल डायरी देखने के लिए 30-45 मिनट निकालिए। उसके गृहकार्य पूरे कराइये।रोज सभी विषयों में उनका प्रदर्शन देखिए व उन विषयों का खास ध्यान रखिए, जिसमें वह अच्छा नहीं कर रहा है। उनकी बुनियादी शिक्षा भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें रात को 10:00 बजे तक सोने और सुबह 06:00 बजे तक उठने की आदत डालिए। अगर आप किसी पार्टी अथवा सामाजिक आयोजन में जाते हैं और बच्चों के साथ देर रात तक लौटते हैं तो अगले दिन बच्चे को आराम करने दीजिए (स्कूल मत भेजिए)। अगर आप चाहते हैं कि, बच्चा अगले दिन स्कूल जाए तो रात 10:00 बजे तक घर लौट आइए।अपने बच्चे में पौधे लगाने और उनका ख्याल रखने, पशु पक्षियों से प्रेम करने की आदत का विकास कीजिए।सोने के समय अपने बच्चों को श्रीराम,श्रीकृष्ण, हनुमान जी, एवं स्वामी विवेकानन्द, वीर शिवाजी और महाराणा प्रताप, रानी लक्ष्मीबाई जैसे महापुरुषों की जीवन गाथा और संघर्ष की कहानियां जरूर सुनाएं। हर साल गर्मी की छुट्टियों में अपने बजट के अनुसार कहीं घूमने जाइए। इससे वे अलग लोगों के साथ और अलग जगहों पर रहना सीखते हैं। अपने बच्चे की प्रतिभा का पता लगाइए और उसे इसको निखारने में सहायता कीजिए। वह किसी विषय, संगीत, खेल, अभिनय, चित्रांकन, नृत्य आदि में दिलचस्पी रख सकता है। इससे उसका जीवन आनंददायक हो जाएगा।
उसे सिखाइये कि, प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए। कम से कम गर्म चीजें प्लास्टिक में उपयोग न करें।
हर रविवार कोशिश कीजिए कि, खाने की कोई ऐसी चीज बनाएं जो उन्हें पसंद है। उन्हें इसमें अपनी मदद करने के लिए कहिए, उन्हें अच्छा लगेगा और अपना काम खुद करने की भावना को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रत्येक बच्चा जन्म से वैज्ञानिक होता है, उसके पास ढेरों सवाल होते हैं। मुमकिन है हम जवाब न दे पायें, पर जानकारी न होने के कारण हमें सवाल पर गुस्सा नहीं दिखाना चाहिए, बल्कि उत्तर पता करने की कोशिश कीजिए और उन्हें बताइए। उन्हें अनुशासन, कर्तव्य और जीने के बेहतर तरीकों के बारे में बताइए। सही-गलत के बारे में समझाइए।दाखिले के लिए किसी स्कूल के सर्वश्रेष्ठ होने के संबंध में निर्णय कॉरपोरेट स्कूल या पास प्रतिशत ज्यादा होने या परिचितों, पड़ोसियों की सिफारिश या सरकारी स्कूल या ‘कम बजट वाला स्कूल’ होने के आधार पर मत कीजिए। सबसे अच्छा स्कूल वह है, जो आपके बजट के लिहाज से उपयुक्त हो। भविष्य में आपको बच्चे की शिक्षा पर ज्यादा खर्च करने की जरूरत है, इसलिए आपको आज कुछ पैसे बचाने की जरूरत है। इसके अलावा दूसरे खर्चे तो हैं ही,इसलिए योजना सोच समझकर बनाइए।
उनमें खुद पढ़ने और सीखने की आदत डालिए। शारीरिक और मानसिक खेल खेलने के लिए भी समय निर्धारित कीजिए उन्हें मौका दीजिए।
उन्हें मोबाइल फोन का उपयोग न करने दिया जाए, आवश्यक होने पर अपनी देखरेख में ही मोबाइल का उपयोग करने दिया जाए। यदि मोबाइल देना आवश्यक हो तो मोबाइल का बीच बीच में बारीकी से चेक करते रहें। क्या देखता है, किससे फोन या चैटिंग करता है। जिनके सम्पर्क में रहता है उन्हें आप प्रत्यक्ष रूप से जानते हैं कि नहीं?बच्चे को अपने काम में सहायता करने के लिए कहिए। इसमें खाना बनाना, आस-पास की साफ-सफाई करना, चीजों को व्यवस्थित करना शामिल है।
बच्चों मे दृढता, स्वावलंबी एवं मितव्ययता के गुणों का समावेश करना चाहिए, जीवन बहुत अनिश्चत है, विपरीतपरिस्थितियों मे यही गुण उसे काम आते हैं।सबसे महत्त्वपूर्ण कि, हमें अपने बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कार भी देने चाहिए, बड़ों का सम्मान, छोटों के प्रति स्नेह, धैर्य, साहस, दया, सेवा, सहयोग, सम्बन्धों को निभाना आदि सिखावें ताकि वो जीवन में सफल और जिम्मेदार इन्सान बन सकें। बच्चों मे नियमित ध्यान और व्यायाम करने की आदत डालनी चाहिए। हमें अपने अनुभव के आधार पर अपने बच्चों का जीवन सुंदर और स्वस्थ बनाने में उनकी सहायता करनी चाहिए।