शिष्य को श्रद्धांजलि देना, गुरु के लिए हृदय विदारक है :- पं0 भरत उपाध्याय

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प्रिय शिष्य स्वर्गीय गुडलक राव को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए पूर्व प्राचार्य पंडित भरत उपाध्याय ने कहा कि- संसार में इंसान की पहचान उसके कर्मो से होती है वर्ना एक ही नाम के असंख्य लोग संसार में मौजूद हैं। संसार में कई नाम के लोग है लेकिन अच्छे कर्म करने वाले लोग सीमित मात्रा में है ।

संसार में पेड़ पौधो पर फ़ल व पत्ते होते है फिर भी वो पेड़ पौधे फ़ल व फूल के नाम से पहचाने जाते हैं ठीक उसी प्रकार हमारे जीवन में कितनी ही अच्छी बातें हो फ़िर इंसान की पहचान उसके कर्मों से होती है। ” इंसान का समाज एक ऐसा बाज़ार है जहाँ सलाह थोक में व सहयोग ब्याज पर दिया जाता है । जीवन मे इंसान को स्वयं का दर्द महसूस हो तो जीवित होने का प्रमाण व दूसरों का दर्द होतो इंसान होने का प्रमाण। अंत में गुडलक बाबू के बिटिया को आशीर्वाद देते हुए अश्रुपात करने लगे गुरु जी। जिससे उपस्थित लोग भाव विह्वल हो उठे। शोकाकुल बंटी सिंह, संजय सिंह, मुन्ना सिंह, विकास सिंह, नीरज सिंह, अरविंद सिंह, देवेंद्र सिंह, आकाश सिंह, दिनेश कुमार गुप्ता सहित हजारों लोग श्रद्धांजलि अर्पित किए।

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