



जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,
बेतिया/वाल्मीकिनगर:- अब वीटीआर के डिवीजन 1 ,2 एवं 3 के वनकर्मी बकाया वेतन भुगतान एवं अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का मन बना रहे हैं। हालांकि मांगों को पूरा करने के लिए क्रमबद्ध तरीके से उनके द्वारा हड़ताल की जाएगी। वन कर्मियों द्वारा जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि यदि उनका बकाया वेतन 25 दिसंबर तक नहीं मिलता है तो 26 दिसंबर को एक बैठक करेंगे उसके बाद 31 दिसंबर से हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। दैनिक वेतनभोगी वन्य कर्मी संघ के अध्यक्ष अजय राम एवं जिला मंत्री जयप्रकाश तालुकदार ने बताया कि वनकर्मी तपती दोपहर, कड़कड़ाती ठंड और बारिश के मौसम में 24 घंटे अपने कर्तव्यों का पालन करने में जुटे हैं। वनों की खुली तिजोरी की रक्षा वह पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा के साथ करता है। कार्य का समय 8 घंटा है जबकि उनसे 24 घंटा काम लिया जाता है और वेतनमान सबसे कम है। बकाया वेतन सहित कई मांगों को लेकर यह हड़ताल की जानी है।
संघ अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का मन बना चुका हैं। जिसकी शुरूआत 26 दिसंबर को धरना प्रदर्शन से होगी। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सभी दैनिकभोगी वनकर्मी 31 दिसंबर से हड़ताल पर चले जाएंगे। अपने-अपने रेंज कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना पर बैठेंगे। उन्होंने बताया कि दैनिक भोगी मजदूर के रूप में विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों को वर्षों से निबटाते आ रहे हैं, लेकिन कुछ वन पदाधिकारी द्वारा वर्षों से कार्य कर रहे दैनिक वेतन भोगी कर्मी को बिना वजह हटा देना एवं बकाया वेतन भुगतान की मांग शामिल है। संघ का कहना है कि वर्षों से वन विभाग के विभिन्न कार्यों का निष्पादन दैनिक भाेगी मजदूरों द्वारा करवाया जा रहा है। अब यदि दैनिक भोगी मजदूरों को काम से निकाल दिया जाएगा तो वे अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कैसे करेंगे। इसके लिए पहले विभाग को अल्टीमेटम दिया जा रहा है। यदि विभाग हमारी मांगों को मान लेता है तो हड़ताल स्थगित कर दिया जाएगा। अन्यथा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 31 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देंगे। बताते चलें कि यदि वनकर्मी हड़ताल पर जाते हैं तो निश्चित ही वनमाफिया जंगलों में सेंध लगाकर वन से लेकर वन्यजीवों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।










