



बेतिया/बगहा। जब व्यवस्था की कमान संभालने वाले खुद जमीन पर उतरते हैं, तो बदलाव की गूँज दूर तक सुनाई देती है। बिहार के बगहा पुलिस जिला में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहाँ प्रभारी एसपी (SP) निर्मला कुमारी ने अपने साहसी और सक्रिय अंदाज से पूरे पुलिस महकमे में हलचल मचा दी है।

आधी रात, निजी वाहन और सादा लिबास
सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए एसपी निर्मला कुमारी ने किसी प्रोटोकॉल का इंतजार नहीं किया। मंगलवार की रात करीब 11:30 बजे, वह सादे लिबास में और एक निजी वाहन का उपयोग करते हुए अचानक पटखौली थाना और अन्य चौकियों पर जा पहुँचीं। अधिकारियों को इस बात की भनक तक नहीं थी कि उनके बीच खुद एसपी खड़ी हैं।

संवेदनशील पुलिसिंग की मिसाल
इस औचक निरीक्षण के दौरान एसपी ने न केवल ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की सतर्कता ही नहीं जाँची, बल्कि एक संवेदनशील अधिकारी का परिचय भी दिया जहाँ ड्यूटी में लापरवाही मिली, वहाँ उन्होंने कड़ी फटकार लगाई, वहीं मुस्तैदी से काम कर रहे जवानों का हौसला भी बढ़ाया।
*पीड़ितों के साथ सीधा संवाद:* एसपी ने खुद एक लापता बच्ची की सकुशल बरामदगी के बाद पीड़िता का बयान दर्ज किया, जो यह दर्शाता है कि पुलिस अब केवल वर्दी का रौब नहीं, बल्कि जनता का सहारा बनने की राह पर है।

दिन में जनसुनवाई, रात में कड़ा पहरा
निर्मला कुमारी की कार्यशैली जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है। वह दिन के समय जनता की समस्याओं को सुनकर उन्हें तुरंत न्याय का भरोसा दिला रही हैं, और रात के अंधेरे में सड़कों पर उतरकर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता कर रही हैं।
”यह कदम न केवल पुलिसकर्मियों को अधिक जिम्मेदार बनाएगा, बल्कि आम जनता के मन में सुरक्षा का भाव भी पैदा करेगा। जब रक्षक जागरूक हों, तो अपराधी अपने आप पीछे हट जाते हैं। “इस ऊर्जावान पहल ने यह साबित कर दिया है कि अगर नेतृत्व सक्रिय हो, तो ‘सेंसिटिव पुलिसिंग’ का सपना सच हो सकता है।










