शिक्षा विभाग में नहीं हुई है सुधार शिक्षकों की मनमानी बरकरार विधालय में लटका रहा ताला।

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सुधीर कुमार सिंह जिला रिपोर्टर बांका

बिहार/बांका। बांका जिला के फुल्लीडुमर प्रखंड अंतर्गत भितीया पंचायत के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय बिक्रमाडीह में बुधवार को एक भी शिक्षक उपस्थित नहीं थे विधालय में दिन के 09 बजे से 04 बजे तक लटका रहा ताला शिक्षक छात्र गायव स्थानीय लोगों के द्वारा दिए जानकारी के अनुसार अक्सर फुल्लीडुमर प्रखंड अंतर्गत भितीया पंचायत एवं फुल्लीडुमर पंचायत के 90 प्रतिशत भुभाग जंगली क्षेत्र पड़ने के कारन शिक्षा विभाग के कोई भी पदाधिकारी विधालय निरीक्षण करने नहीं पहुंचते हैं नहीं कि सी विधालय में समुचित रुप से मिनू के हिसाब से मध्यान भोजन भी बनता है ।यह सिल सिला लगातार बर करार है।

दोनों पंचायतो में कुछ विधालय के ऐसे भी शिक्षक है जो विधालय पहुंच कर हाजरी बना कर फरार हो जाते हैं जिसमें बि आर सी फुल्लीडुमर में बैठे बाबु लोगों का भी दुर गामी चाल रहा करता है इसका मुख्य कारण है कि फुल्लीडुमर प्रखंड में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का मूल रुप से आज तक पदस्थापना नहीं हुई है सदा प्रभार में ही घर रहा है जिससे यहां के शिक्षकों की मनमानी पर अंकुश लगाना प्रभारी शिक्षा पदाधिकारी के बुते की बाहर की बात है जाती है विधालय के सुचना पट पर विधालय प्रभारी प्रधानाध्यापक लाल मोहन मरांडी एवं सहायक शिक्षक के रुप में बलराम कुमार का नाम अंकित है दोनों पंचायत के कुछ स्थानीय लोगों ने अपना नाम ना छापने को लेकर बताया की फुल्लीडुमर प्रखंड में शिक्षा विभाग में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार चार फैला हुआ है जिसे देखने वाला कोइ नहीं है कुछ ग्रामिनो ने तो दवे शब्दों में यह भी कह डाला की बहुत विधालय जंगली क्षेत्र में कमीसन पर चलता है। नहीं तो कयी बार बि आर सी में बैठे बाबु लोगों को लिखीत या मौखिक सुचना देने पर कि सी प्रकार की कार्यवाही नहीं होता हो उल्टे ही चडुआ लेकर मामला को दबा दबा कर दिया जाता है।इस संबंध में जब प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सह प्रखंड श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मनोज प्रभाकर को विधालय के शिक्षकों की मनमानी और विधालय में लगे ताला की स्थिति से अवगत कराया गया तो बताया गया की निश्चित तौर पर बिक्रमाडीह विद्यालय का जांच कराई जाएगी और नियमानुसार ऐसे शिक्षकों पर दोषी पाए जाने पर कार्यवाही करते हुए विभाग से जुड़े जिला स्तर के पदाधिकारी के संज्ञान में लिखीत रुप में देते हुए उचित कार्यवाही करने की मांग की जायगी ग्रामीनो की नजर अब शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर टिकी है की पिछड़ा अतिपिछड़ा दलित महादलित आदीवासी के बच्चों के भविष्य के साथ जो खिलवाड़ हो रहा है उस पर अंकुश लग पाता है की नहीं।

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