गंडक नदी के तटवर्ती गांवों पर मंडराया बाढ़ का खतरा।

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80 एमएम बारिश के बाद गंडक नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि

जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,

बेतिया/वाल्मीकिनगर। नेपाल की तराई क्षेत्र सहित भारतीय सीमा में पिछले 48 घंटे से हो रही झमाझम बारिश के कारण गंडक नदी के जलस्तर में एक बार फिर वृद्धि होने लगी है। जिसके कारण गंडक नदी के तटवर्ती गांवों में कटाव एवं बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। सबसे ज्यादा खतरा गंडक नदी के किनारे बसे चार गांवों पर है, जहां के किसान प्रत्येक साल बाढ़ के विभीषिका में तबाह हो जाते हैं। जिसमें मुख्य रूप से कान्ही टोला, झंडू टोला, बिन टोली और चकदहवा गांव शामिल है। झंडू टोला गांव निवासी बसंत बिन, राजू राम, हिकायत राम ने बताया कि गंडक नदी की पानी गांव की सीमा तक पहुंच चुका है। पानी की तेज धार से कटाव भी हो रहा है। धान और गन्ने के फसलों को काफी नुकसान हो सकता है। बता दे की दोपहर 2:00 बजे तक गंडक नदी से 1.36 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। वहीं गंडक बराज नियंत्रण कक्ष के सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार जल स्तर में वृद्धि लगातार हो रही है। देर शाम तक गंडक नदी का जलस्तर 2 लाख क्यूसेक तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।

80 एमएम दर्ज की गई है बारिश

बाल्मीकि नगर स्थित मौसम विभाग केंद्र से जारी रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार और शनिवार की सुबह तक 80 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। 2025 में अधिकतम बारिश का रिकॉर्ड शुक्रवार सुबह दर्ज की गई थी जो 139 एमएम था। पर्यवेक्षक सुधांशु कुमार ने बताया कि अगले 24 घंटों में गरज और तेज हवा के साथ बारिश होने की संभावना जताई गई है। तेज हवा के साथ अगर बारिश होती है तो गन्ने के फसल को नुकसान पहुंच सकता है।

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