बाढ़ प्रभावित गांव झंडू टोला, बीन टोली, व कान्ही टोला के ग्रामीणों ने सोलर प्लांट को लेकर खोला मोर्चा।

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सोलर प्लांट का बैटरी खोलने आए विभागीय कर्मियों को गांव वालों ने बंधक बना किया प्रदर्शन

जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,

बेतिया/वाल्मीकिनगर। थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत अंतर्गत आने वाला बाढ़ प्रभावित गांव चकदहवा, झंडू टोला बीन टोली व कान्ही टोला के लोगों ने सोलर प्लांट से बैटरी खोलने आए कर्मियों के विरुद्ध सोमवार की दोपहर मोर्चा खोल प्रदर्शन किया है। इस दौरान ग्रामीणों द्वारा सोलर प्लांट के बैटरी खोलने आए तीन कर्मियों, मंटू धांगड़ झुन्नू महतो, महेंद्र धांगड़ को बंधक बना लिया। ग्रामीणों में राजू राम, बिगु राम विद्यासागर एवं बसंत बीन ने बताया कि दो माह पूर्व झंडू टोला स्थित सोलर प्लांट से सोलर प्लांट कर्मी बैटरी खोल कर ले गए। उसके बाद ना ही बैटरी आई, और ना ही कोई कर्मी यहां के ग्रामीणों का स्थिति देखने आया। सोलर प्लांट नहीं चलने के कारण हम लोग अंधेरे में ही अपना जीवन व्यतीत करने पर मजबूर हो गए हैं। उसके बाद बीन टोली का सोलर प्लांट चालू था उसका भी बैटरी खोलकर ले जाने के लिए, जब कर्मी आए तो हम लोगों ने पूछा कि आप लोग बैटरी क्यों खोल रहे हैं। दो महा पूर्व जिस प्लांट का बैटरी खोलकर ले जाया गया, वहां अब तक नहीं लगा, और जिस प्लांट से थोड़ा बहुत रोशनी मिल रही है, उसका भी बैटरी आप लोग क्यों खोल रहे हैं? इस प्रश्न का जवाब देते हुए बैटरी खोलने आए मंटू धांगड़ एवं झुन्नू महतो ने बताया कि विभाग द्वारा बैटरी खोल कर लाने का आदेश दिया गया है। इस बात पर ग्रामीण हंगामा करते हुए सोलर प्लांट के पास प्रदर्शन करने लगे, एवं तीनों कर्मियों को अपने दरवाजे पर बैठा अधिकारियों के आने का इंतजार करने लगे। सोलर प्लांट के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा बैटरी खोलकर लाने का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। जो लोग बैटरी खोलने गए हैं, उनको वहीं रखा जाए। इसकी जांच की जाएगी।

लगभग 50 वर्ष पूर्व बसे इन चार गांवों में अब तक नहीं पहुंच पाई है बिजली

वाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर पंचायत का चार गांव गंडक नदी के किनारे पिछले 50 वर्षों से बसा हुआ यह चार गांव में लगभग दो सौ घर है , जिसमें 1500 से ज्यादा गरीब वर्ग के लोग रहते हैं। इन गांवों में मुख्य शहर और बगहा वाल्मीकि नगर मुख्य पथ से जाने के लिए गड्ढे में सड़क है। बरसात के मौसम में इन गांव का संपर्क मुख्य पथ और मुख्य शहर से 4 महीने तक टूट जाता है। ग्रामीणों द्वारा बिजली सड़क का मांग पिछले 40 वर्षों से उठाई जा रही है। बावजूद इसके ना प्रशासन, और ना ही जन्म प्रतिनिधियों का ध्यान इन क्षेत्रों में जा सका है।

वन विभाग के अड़चन के कारण नहीं पहुंच पाता बिजली

ग्रामीण बसंत बीन, बिगु राम, राजू राम एवं हरदेवराम ने बताया कि वन विभाग के द्वारा रोक लगाने के कारण इन गांव में बिजली का पोल नहीं लग पाता है। वन विभाग बिजली के तार से वन्य जीवों के ऊपर खतरा होने का कारण बताते हुए जब भी बिजली और सड़क के लिए काम शुरू होता है, रोक लगा दी जाती है। इसके लिए हम लोगों ने कई बार जिलाधिकारी से लेकर सांसद मंत्री व विधायक तक को आवेदन दिए हैं। परंतु नतीजा ढाक के तीन पात वाली है।

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