जब दुनिया नहीं सुनती, तब पति ही सुनता है पत्नी की बात -पं० भरत उपाध्याय

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बगहा/मधुबनी। बगहा अनुमंडल अंतर्गत मधुबनी प्रखंड स्थित राजकीय कृत हरदेव प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज मधुबनी के पूर्व प्राचार्य पं०भरत उपाध्याय ने परिणय वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में अमरेश पाण्डेय एवं नीलम को आशीर्वाद देते हुए कहा कि सफल जीवन के सूत्रों में हमेशा जिंदगी में सदाबहार बने रहना और हर मुश्किल राह पर आसानी से हल ढूंढते रहना ,स्मरणीय शक्ति को बढ़ावा देता है तथा हमेशा अच्छा सोच को फलीभूत करता है। सहनशीलता और समर्पण समाज में आपकी उपयोगिता और मूल्य दोनों को बढ़ा देते हैं।

किसी ने कटु वचन कहे तो सह लिया और किसी ने यथोचित सम्मान न दिया तो सह लिया। कभी आपके मनोनुकूल कोई कार्य न हुआ तो सह लिया और कभी कहीं आपकी आलोचना भी होने लगी तो मौन धारण कर लिया, बस इसी का नाम जिंदगी है। जिस तरह एक जौहरी किसी मूल्यवान आभूषण के निर्माण से पहले स्वर्ण को अग्नि में तपाता है, पीटता है लेकिन इतने आघातों को सहने के बावजूद भी स्वर्ण कभी विरोध नहीं करता इसी को समर्पण कहा जाता है। आपकीसहनशीलता एवं आपके द्वारा किया गया समर्पण ही समाज में आपके जीवन को एक श्रेष्ठ, आदर्श एवं उदाहरण के रूप में प्रतिष्ठित कर देता है। आप सपरिवार स्वस्थ और प्रसन्न रहें। इस अवसर पर भजन कीर्तन के साथ संध्या समय भंडारे में मधुर भोजन की उत्तम व्यवस्था किया गया था।

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