मधुबनी से सफारुद्दीन अंसारी की रिपोर्ट….
बगहा/मधुबनी। बुधवार को राजकीय कृत हरदेव प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज मधुबनी में प्रख्यात पर्यावरण विद् एवं प्रकृति प्रेमी पूर्व प्राचार्य पंडित भरत उपाध्याय ने गौरैया दिवस के अवसर पर बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि गौरैया का पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में अहम योगदान है ,लेकिन पिछले दशक में इसकी संख्या में काफी कमी देखी गई है । घरों में व छतों की मुंडेर पर नजर आने वाली गौरैया ,अब दिखाई नही देती है। जो गंभीर चिंता का विषय है। कभी हम अपने घरों में चिड़ियों की चहचहाहट सुनकर जागते थे, आज हमें मोबाइल का अलार्म लगाना पड़ता है । पर्यावरण के लिए करीबी दोस्त गौरैया को बचाने की जरूरत है । उन्होंने कहा कि, अपनी सेवाकाल से ही गौरैया के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए लोगों को प्रेरित करते रहते हैं । हम सब गर्मी के मौसम में गौरैया के लिए अपने घर की छत पर थोड़ा सा दाना एवं थोड़ा सा पानी अवश्य रखें। भारतीय प्राचीन परंपरा पशु पक्षियों की सेवा एवं सुरक्षा की रही है ।इससे विमुख होकर हमसे अपराध हो रहा है । जिससे वर्तमान में अनेक समस्याओं का जन्म हो रहा है ।
अतः हमें प्राकृतिक खेती की तरफ ध्यान देना होगा। जिससे गौरैया की संख्या बढ़े। आज हम सभी लोगों को गौरैया को संरक्षित करने का संकल्प लेना चाहिए। हमारे घर से अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण और मोबाइल की ध्वनि के कारण गौरैया पलायन कर रही है। मुख्य रूप से पर्यावरण प्रदूषण ही उनके पलायन का जिम्मेदार है।