बेतिया। जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार द्वारा आज समाहरणालय सभाकक्ष में फाइलेरिया मुक्ति अभियान अंतर्गत सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) प्रारंभ किया गया। इस अवसर पर समाहरणालय के अधिकारियों एवं कर्मियों ने डीईसी एवं एल्बेण्डाजोल की दवा खायी। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि समाहरणालय के अधिकारियों एवं कर्मियों के स्वास्थ्य को लेकर जिला प्रशासन संवेदनशील है। पूर्व में भी स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया था ताकि स्वास्थ्य खराब होने की स्थिति में समुचित ईलाज की व्यवस्था की जा सके। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया मुक्ति अभियान कार्यक्रम का आज प्रारंभ किया जा रहा है। इस अवसर पर सभी अधिकारी एवं कर्मी अनिवार्य रूप से दवा का सेवन करें, जिससे फाइलेरिया बीमारी से बचाव हो सके। इच्छुक अधिकारियों एवं कर्मियों के ब्लड की भी जांच करायी जायेगी। ज्ञातव्य हो कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है, जिसे सामान्यता हाथीपाँव के नाम से जाना जाता है। व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर की सूजन (हाथीपाँव) व हाइड्रोसील (अण्डकोष) का सूजन है। फाइलेरिया से बचाव हेतु जिले में अभियान चलाकर लोगों को दवा खिलाने का कार्यक्रम दिनांक-10 से 25 फरवरी तक फाइलेरिया मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है।
फाइलेरिया से बचाव हेतु एमडीए की दवा साल में एक बार घर-घर निःशुल्क दी जाती है। 02 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों के अलावा यह दवा सभी को खानी है। 02-05 साल के लिए 01 गोली डीईसी एवं 01 गोली अल्बेनडाजोल, 06-14 साल के लिए 02 गोली डीईसी एवं 01 गोली अल्बेनडाजोल था 15 साल तथा उससे बड़े उम्र के व्यक्तियों के लिए 03 गोली डीईसी एवं 01 गोली अल्बेनडाजोल निर्धारित की गयी है। डीईसी की गोली खाली पेट नहीं खानी है और अल्बेनडाजोल की गोली चबाकर खाना है। दवा स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही खाना जरूरी है। मरते हुए परजीवियों के प्रतिक्रिया स्वरूप कभी-कभी सरदर्द, शरीर में दर्द, बुखार, उल्टी तथा बदन पर चकते एवं खुजली जैसी मामूली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती है। इससे घबड़ाने की आवश्यकता नहीं है, आमतौर पर ये लक्षण स्वतः ठीक हो जाते हैं। विशेष परिस्थिति में नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र से तुरंत संपर्क किया जा सकता है। जिलाधिकारी द्वारा इस बावत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया तथा फाइलेरिया मुक्ति अभियान के तहत जिले के शत-प्रतिशत व्यक्तियों को दवा का सेवन कराने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि यह बेहद ही महत्वपूर्ण कार्य है। उन्होंने कहा कि जिले के शत-प्रतिशत व्यक्तियों को अभियान के तहत एमडीए की खुराक डीईसी एवं अल्बेनडाजोल की गोली खिलाना अतिआवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिया कि रैपिड रेस्पांस टीम का गठन कर लिया जाय। साथ ही इएफआई कीट का निर्माण भी कर लिया जाय ताकि विषम परिस्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। उन्होंने निर्देश दिया कि फाइलेरिया मुक्ति अभियान का लगातार अनुश्रवण सिविल सर्जन करेंगे तथा कार्य प्रगति से प्रतिदिन अवगत करायेंगे। इस अवसर पर सिविल सर्जन, डॉ0 विरेन्द्र कुमार चौधरी, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, डॉ0 रमेश चन्द्रा, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, डॉ0 हरेन्द्र कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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