मझौलिया से राजू शर्मा की रिपोर्ट…
बेतिया/मझौलिया। मझौलिया प्रखंड अंतर्गत बरवा सेमरा घाट पंचायत स्थित वार्ड नंबर 5 एक बार फिर से रास्ता विवाद को लेकर सुर्खियों में आ गया है। जहां एक तरफ मोहम्मद निसार असगर अली फिरदौस आलम साहब आलम वगैरह द्वारा बांस की चाली लगाकर पीसीसी सड़क को जाम कर दिया गया है जिससे आवागमन बाधित हो गया है। इनका कहना है कि नजमुल होदा कमरुल होदा अंसारी अबु लैश अंसारी तौकीर अंसारी द्वारा बांस की चाली लगवा कर राजकीय प्राथमिक विद्यालय सेमरा घाट पूर्वी टोला की तरफ जाने वाली रास्ते को जाम कर दिया गया है। जिससे आवागमन काफी कष्टदायक हो गया है। दोनों पक्ष ने एक दूसरे पर रास्ता अवरुद्ध करने का आरोप लगाया है तथा इस बाबत आला अधिकारियों के पास लिखित आवेदन देकर जांच करने एवं रास्ते का निराकरण करने की गुहार लगाई है।बताते चलें कि यह विवाद लगभग 6 माह पूर्व में भी प्रकाश में आया था जब दोनों पक्षों द्वारा अपने अपने क्षेत्र में रास्ता अवरुद्ध किया गया था। जिसको लेकर नवागंतुक थानाध्यक्ष अभय कुमार द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए रास्ते को चालू कराया गया था। बताते चलें कि पूर्व में इस विवाद को लेकर दोनों पक्षों द्वारा एक दूसरे पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी।
वही इस विवाद मेंअंचलाधिकारी सूरज कांत द्वारा कर्मचारी भेजकर विवाद की जांच भी कराई गई थी। फिलहाल दोनों पक्ष एक दूसरे पर रास्ता खोल देने की मांग कर रहे हैं ताकि आवागमन सुचारू हो सके। इधर इस संदर्भ में बरवा सेमरा घाट पंचायत के मुखिया शौकत अली ने दोनों पक्षों से अपील किया कि आपसी सौहार्द और भाईचारा कायम रखते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखें। विवाद को सुलझाने में ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ सहयोग करें। इस संदर्भ में थानाध्यक्ष अभय कुमार का कहना है कि दोनों पक्ष शांति व्यवस्था कायम रखें। प्रशासन का सहयोग करें। कानून को अपने हाथ में नहीं लें अन्यथा कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी। बहरहाल रास्ते के विवाद को लेकर तनाव तो है लेकिन स्थिति सामान्य दिख रही है ।ग्रामीणों कहना है कि विद्यालय जाने वाली रास्ते के अवरुद्ध होने से बच्चों का पठन-पाठन सहित आवागमन काफी कष्टदायक हो गया है। विद्यालय को बगल में स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बरवा सेमरा घाट में टैग कर दिया गया है जहां छोटे-छोटे बच्चों को जाने में काफी कठिनाई हो रही है।फिलहाल दोनों पक्षों द्वारा रास्ता अवरुद्ध कर देने से आवागमन के साथ-साथ पठन-पाठन भी कष्टदायक हो गया है।