




भैरोगंज से राजेश कुमार की रिपोर्ट…
बगहा/भैरोगंज। नवरात्र के समय चल रहा हैं जिसके कारण चारो तरफ देव मंत्र के साथ साथ भक्ति गाने सुबह शाम चलने के कारण पुजा पंडाल एवं मां के मंदिरों का रंग अति सुहावन हो गया हैं। और माँ के चारो तरफ जय जयकारों से आवाज गुज रहा हैं। पंडित अर्जुन चौबे ने बताया कि नवरात्र के पांचवें दिन मां दुर्गा जी के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता की आराधना की जाती है। भगवान स्कंद (कार्तिकेय) की माता होने के कारण देवी के इस पांचवें स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। नवरात्र पूजन के पांचवे दिन का शास्त्रों में पुष्कल महत्व बताया गया हैं मां का स्वरूप शास्त्रानुसार सिंह पर सवार स्कन्दमातृस्वरूपणी देवी की चार भुजाएं हैं, स्कंदमाता की पूजा करने पर स्कंदमाता सभी भक्तों की इच्छाओं को पूरी करती हैं और कष्टों को दूर करती हैं। संतान प्राप्ति के लिए माता की आराधना करना उत्तम माना गया है। माता रानी की पूजा के समय लाल कपड़े में सुहाग का सामान, लाल फूल, पीले चावल और एक नारियल को बांधकर माता की गोद भर दें। ऐसा करने से जल्द ही घर में किलकारियां गूंजने लगती हैं। स्कंदमाता मोक्ष का मार्ग दिखाती हैं और इनकी पूजा करने से ज्ञान की भी प्राप्ति होती है। माता का यह स्वरूप ममता की मूर्ति, प्रेम और वात्सल्य का साक्षात प्रतीक हैं।