अब समझ में आया मित्र! जहां तुम जा रहे हो, ये ज़मीं ये आसमां सब उसी का है -: पं०भरत उपाध्याय

0
433

अंतिम यात्रा रिपोर्ट–

बगहा/वाल्मिकिनगर। बाल्मीकि नगर, जब तक सूरज चांद रहेगा ,हरेंद्र बाबू तेरा नाम रहेगा।। इस भावुक उद्घोष के साथ हजारों लोग, अंतिम महा यात्रा में शामिल होकर अपने, हमदर्द हरेंद्र जी को अश्रुपूर्ण विदाई कर रहे थे। महायात्रा में शामिल मुंशी महतो ने बताया की थारू कल्याण के लिए हरेंद्र बाबू हमेशा तत्पर रहते थे। हकीकत में थारू, धांगर ,मुसहर आदि, आदिवासियों के सच्चे हमदर्द थे। इसीलिए संपूर्ण थरुहट में कल से ही किसी घर में चूल्हा नहीं जला है ।

महायात्रा में, हिंदू ,मुस्लिम, मुसहर, धांगर, थारू जनजाति के, साथ- साथ सभी राजनीतिक दलों के लोग, अधिवक्ता, पत्रकार, अधिकारी, शिक्षक, डॉक्टर, इंजीनियर एवं आम लोगों की भारी भीड़ उमड़ी हुई थी। जैसे ही उनके ज्येष्ठ पुत्र महेंद्र प्रताप सिंह ने मुखाग्नि दी!तो उपस्थित लोग भाव विह्वल होकर फफक -फफक कर रोने लगे। अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए पूर्व प्राचार्य पं०भरत उपाध्याय ने कहा कि -दुर्लभ संयोग है की हरेंद्र बाबू धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर पवित्र नवरात्र में महाप्रयाण कर गए ।वे मां दुर्गा के अनन्य भक्त थे। प्रिय शिष्य, विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह सहित पूरे परिवार को ईश्वर शक्ति दें कि वे लोग साहस के साथ इस कष्ट का सामना करने में सफल हों।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here