पटना। बिहार में लोक आस्था व सूर्य उपासना का महापर्व छठपूजा सोमवार को सभी छठ व्रतियों ने उदयाचलगामी भगवान भास्कर को अर्ध्य देकर चार दिवसीय छठ पर्व का समापन किया। इसके पहले रविवार को सभी छठव्रतधारियों ने शाम के समय अस्ताचंलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्ध्य दिया। वही छठ पूजा के दूसरे दिन खरना के पूर्व संध्या पर राजधानी में पटना साहिब के कंगनघाट गंगा किनारे शनिवार को बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के सिकरहना अनुमंडल अंतर्गत घोड़ासहन बनकटवा प्रखंड के बिजबनी गांव निवासी विश्वविख्यात सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार द्वारा बालू की रेत पर बनाई गई साथ घोड़े की सवारी करते भगवान सूर्य की कलाकृति राजधनी में छठ घाट पर सबसे बडा आकर्षण बनी रही। यह कलाकृति दो दिनों तक सभी छठ व्रतियों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा। बालू से बनी भगवान भास्कर को लोग नमन करते हुए अपने सेलफोन में सेल्फी भी ले रहे थे। बता दें कि डाबर इंडिया कंपनी के बुलावे पर बिहार के गंगा तट पर 20 फीट ऊंची भगवान सूर्य की विशालकाय प्रतिमा उकेर कर अपनी भक्ति भावना प्रकट की। सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने ऐसे ही देश प्रदेश में हुए घटनाओं व ज्वलंत विषयों साहित सभी अवसरों पर अपनी विशेष कला का प्रदर्शन कर लोगों में नया संदेश देते रहते हैं। मौके पर उपस्थित हजारों छठ व्रतियों और आम लोगों ने बालू से बनी भगवान भास्कर की कलाकृति को प्रणाम करते रेत कलाकार मधुरेंद्र को बधाई भी दी।