बेतिया। पथ निर्माण विभाग के अधीनस्थ पथों के किनारे अधिष्ठापित पेट्रोलियम रिटेल आउटलेट/किसान सेवा केन्द्र स्थापित करने हेतु पहुँच पथ की अनापत्ति प्रमाण पत्र के नवीकरण कराना आवश्यक होता है। नवीकरण हेतु पथ निर्माण विभाग द्वारा शुल्क का निर्धारण किया गया है, जिसे निर्धारित समयावधि में पेट्रोलियम रिटेल आउटलेट/किसान सेवा केन्द्र के प्रबंधक द्वारा जमा कराना होता है। इसी परिप्रेक्ष्य में आज जिलाधिकारी, श्री दिनेश कुमार राय की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुयी। इस बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी, श्री विपिन कुमार यादव, कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग, श्री समलदेव कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी, श्री सुजीत कुमार, एसडीओ, पथ निर्माण विभाग, श्री संजीव कुमार, श्री अजय पाल सहित विभिन्न पेट्रोलियम कम्पनी के सेल्स मैनेजर आदि उपस्थित रहे।कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग द्वारा बताया गया कि पथ प्रमंडल, बेतिया के स्वामित्व वाले पथों के किनारे आइओसीएल के 50, एचपीसीएल के 17, बीपीसीएल के 09 तथा इएसएसएआर के 01 पेट्रोलियम रिटेल आउटलेट संचालित हैं। इन रिटेल आउटलेट द्वारा विभाग की भूमि का उपयोग पहुँच पथ के रूप में किया जाता है।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक पांच वर्ष पर एप्रोच यूज करने हेतु आरसीडी विभाग से एनओसी का रिन्युअल कराना आवश्यक है। इस हेतु राशि का निर्धारण किया गया है। एनओसी का रिन्युअल नहीं कराने को लेकर 05 हजार रूपया प्रतिमाह जुर्माना वसूलने का भी प्रावधान किया गया है। जिलान्तर्गत विभिन्न सेल्स मैनेजरों के कई आउटलेट संचालित है, जिनके द्वारा एनओसी का रिन्युअल नहीं कराया गया है। सेल्स मैनेजरों को एनओसी का रिन्युअल कराने हेतु बारंबार निर्देश भी जारी किया गया है, इसके बावजूद उनके द्वारा रिन्युअल नहीं कराया जा रहा है। जिलाधिकारी, श्री दिनेश कुमार राय द्वारा निर्देश दिया गया कि सभी सेल्स मैनेजर एक सप्ताह के अंदर अपने-अपने डीलरों से बातचीत कर रिन्युअल जमा कराने से संबंधित अद्यतन प्रतिवेदन उपलब्ध करायेंगे तथा शत-प्रतिशत एनओसी का रिन्युअल कराना सुनिश्चित करेंगे।उन्होंने कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग को निर्देश दिया कि निर्धारित समयावधि में एनओसी का रिन्युअल नहीं कराने वाली कंपनियों के विरूद्ध नियमानुकूल कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने निर्देश दिया कि सेल्स मैनेजर के अधीन कार्यरत डीलरों की समस्याओं का नियमानुकूल समाधान करने हेतु कार्रवाई की जाय। जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि इससे संबंधित न्यायालय में जो भी मामले चल रहे हैं उसका उद्यतन स्थिति प्रस्तुत किया जाय।