टीआरएल (बांध) से सटे खोदे जा रहे है मनरेगा से पोखरा, ग्रामीणों ने किया विरोध। सिंचाई विभाग के अभियंता बेफिक्र।

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बगहा/ठकराहा। बगहा अनुमंडल अंतर्गत ठकराहा प्रखंड क्षेत्र में मनरेगा में लूट खसोट की मंशा इस कदर परवान चढ़ रही है की जिम्मेवार ठकराहा को बाढ़ जैसी आपदा के मुंह में धकेलने पर तुले है। इसे मनरेगा की मनमानी कहे या सिंचाई विभाग की लापरवाही की पीपी तटबंध के सुरक्षा को भी ताक पर रख कर टीआरएल (बांध) से सटे मनरेगा से पोखरा का निर्माण हो रहा है,और सिंचाई विभाग के अभियंता बेफिक्र है। मामला ठकराहा प्रखंड के जगीरहा पंचायत का है जहा हरमुन यादव,एहसान अली, साहिल अली, जोगिंद्र,बलराम राम, का कहना है की गुरुवार की रात्रि 10 बजे पीपी तटबंध के टीआरएल (बांध) से सटे जेसीबी मसीन से पोखरा की खोदाई की जा रहा थी जेसीबी का आवाज सुन कर लोग मौके पर पहुंचे इसका विरोध किया गया तो जेसीबी चालक वहा से जेसीबी लेकर फरार हो गया। हालाकि ग्रामीणों के पहुंचने से पहले ही पोखरे की खुदाई 90 प्रतिशत हो चुकी थी।वही उक्त लोगो का आरोप है की प्रथम दृष्टया मनरेगा में मजदूरों के जगह जेसीबी मशीन का इस्तेमाल हो रहा है।दूसरी ओर तटबंध की सुरक्षा को ताक पर रखा जा रहा है,नदी का वाटर लेवल बढ़ने पर बांध में दरार होने और पानी के रिसाव की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है बावजूद सिंचाई विभाग के अभियंता बे फिक्र है।वही ग्रामीणों ने बताया की पीपी तटबंध और टीआरएल के बीच 50 मीटर से 100 मीटर की दूरी पर 3 वर्षो में आधा दर्जन से अधिक मनरेगा से तालाब खोदे गए है जो बाढ़ जैसी आपदा को दावत दे रहे है।वही सिंचाई विभाग के कनीय अभियंता रंजन कुमार ने बताया की पोखरे की खुदाई जहां हुआ है वह निजी भूमि है लेकिन पीपी तटबंध की सुरक्षा के लिहाज से यह ठीक नही है।मनरेगा कर्मियों को इस पर ध्यान देना चाहिए।वही मनरेगा पीओ हरिशंकर प्रसाद ने बताया की उक्त योजना की जांच की जायेगी गड़बड़ी पाए जाने पर कारवाई की जायेगी।

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