नरवल बरवल विद्यालय में हुए एमडीएम खाने से बीमार बच्चों को देखने पहुँचे मेरा स्वाभिमान ट्रस्ट के अध्यक्ष

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बगहा। गुरुवार को बगहा 2 प्रखण्ड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय नरवल – बरवल में मध्याह्न भोजन खाने से करीब 150 बच्चे बेहोश हो गए। सभी बच्चों को इलाजरत कराने के लिए अनुमंडलीय अस्पताल बगहा में भर्ती कराया गया। इस घटना की सूचना मिलते ही मेरा स्वाभिमान ट्रस्ट के अध्यक्ष – दिनेश अग्रवाल अपनी पूरी टीम के साथ अस्पताल परिसर में पहुंचे तथा बीमार बच्चों को इलाजरत होने के लिए मदद करने को लग गए। इस क्रम में दिनेश अग्रवाल सभी बच्चों के पास बारी बारी से जाकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेते दिखे तथा परिजनों को ढांढस बंधाते दिखे। इस परिस्थिति में अस्पताल प्रशासन द्वारा सक्रिय होकर सभी बच्चों की इलाज करने को देखकर काफी तारीफ किए और अस्पताल उपाधीक्षक की व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए बताया कि मौजूदा हालात को देखकर सरकार द्वारा अनुमंडलीय अस्पताल में शय्या की संख्या 50 से बढ़ाकर 400 करने को कहा जिससे की गंभीर परिस्थिति में कही कोई परेशानी न हो। उन्होंने मिड – डे – मील योजना पर प्रकाश डालते हुए यह बताया की मध्य -डे -मील योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना हैं। जिसका उद्देश्य प्राथमिक स्तर पर अपव्यय को रोक कर बच्चों को प्राथमिक विद्यालयों में रोके रखना। छात्रों की विद्यालय में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित कराना। छात्रों को अनाज के द्वारा स्वास्थ्य लाभ प्रदान करना। बिना किसी भेदभाव के एक साथ भोजन करने से भ्रातृत्व का अंश, जाति- भेद खत्म करना हैं। इन उद्देश्यों की पूर्ति होने से बच्चो में मध्याह्न भोजन से अच्छी आदतें पैदा होती है। यह सन्तुलित भोजन उपलब्ध करवाता है। यह खराब होने वाली बीमारियों को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। यह बच्चों में अतिरिक्त ऊर्जा पैदा करता है तथा साथ ही सहयोगी भावना को बढ़ाता है। यह घर और विद्यालय के बीच एक मजबूत बंधन बनाता है। इतनी सारी सुविधाओं को उपलब्ध कराने के बाद भी सरकार के उद्देश्य की पूर्ति होती नहीं दिखती क्योंकी इसमें कुछ खामियां आ गई हैं, जो की गंभीरता से सोचने की जरूरत हैं। जो न्यून सरकार से इस योजना के लिए स्कूलों को प्रदान किया जा रहा है उसका सही प्रयोग नहीं किया जा रहा है। स्कूल में शिक्षकों को भोजन की देखभाल की जिम्मेदारी होनी चाहिए जो की इसकी कमी पाई जाती हैं।
इस योजना के प्रति स्कूल गम्भीर नहीं है जिससे यह योजना ठीक प्रकार से चल नहीं पा रही है। भोजन सामग्री में आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पा रहे हैं। जिससे की आए दिन बच्चें बीमार पड़ जा रहे हैं। कोई भी योजना छात्रों के जीवन से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं देती है, इस योजना के प्रति गम्भीरता न होने से यह बच्चों के लिए लाभ से अधिक हानि सिद्ध हो रही है। इस योजना में अच्छाईयां तो है परंतु साथ में कुछ बुराइयां भी हैं। इस योजना को बहुत समय से लागू किया गया है परंतु इससे जो लाभ होने चाहिए थे, उनका अनुपात कम है। यदि इस योजना से जुड़े व्यक्ति अपना कार्य निष्ठा ईमानदारी से करें तो इस योजना से बहुत लाभ हो सकते हैं। अपव्यय की समस्या का समाधान और सर्वभौमीकरण का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। इस योजना में हो रही गड़बड़ी होने पर दोषी व्यक्तियों को कठोर से कठोर संबंधित सजा मिलनी चाहिए तब ही यह योजना अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर सकती हैं। इस मार्मिक घटना की निष्पक्ष जांच की मांग दिनेश अग्रवाल ने प्रशासन से की हैं और दोषियों पर सख्त कार्यवाही हो ताकि भविष्य में इसकी पुनरावृति न हो। मौके पर महामंत्री उमेश अग्रवाल, संयोजक जितेन्द्र कुमार, कोषाध्यक्ष प्रवीण कुमार, मंत्री नितिन शाह, मंत्री राजीव कुमार, प्रचार प्रमुख अमित शर्मा सहित सभी कार्यकर्ता अस्पताल प्रबंधन के साथ इस संकट की घड़ी में मदद को तैयार थे।

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