पराली जलाने से किसानों की अपूरणीय क्षति।

0
600

बगहा/चौतरवा। कृषि विभाग ने पराली जलाने को ले उठाया कड़े कदम।इस बात की सूचना कृषि समन्वयक महेंद्र कुशवाहा व पतिलार पंचायत के किसान सलाहकार वशिष्ठ कुशवाहा ने बताई है।कृषि समन्वयक श्री कुशवाहा ने बताया कि किसानों को पंचायतवार निर्देश दिए जा रहे हैं। पराली के जलाने से पर्यावरण प्रदूषण तो होता ही है।साथ ही किसानों को अपूरणीय क्षति होती है। शुक्रवार को उन्होंने बताया कि पराली जलाना अब कानूनन अपराध बन गया है। पराली जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति घट रही है। भूमि में कीट मित्र होते हैं जो फसलों को काफी फायदा पहुंचाते हैं। परंतु खेतों में पराली जलाने से वे मर जाते हैं। जिससे खेतों की उर्वरा शक्ति लगातार कम होती जा रही है। बताया कि रासायनिक खाद से खेतों की मिट्टी के बहुत से पोषक तत्वों की क्षति होती है। जिसका असर सीधे उपज पर पड़ती है। इसके लिए जैविक खाद का प्रयोग करें। अब पराली जलाते पकड़े जाने पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। साथ ही उनके किसान रजिस्ट्रेशन को रद्द करते हुए, कृषि विभाग की ओर से उनके सभी लाभों को बंद करते हुए उनके नाम को डिफाल्टर सूची में डाल दिया जाएगा। जिससे वे किसान भविष्य में भी सभी लाभों से वंचित रहेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here