संदिग्ध परिस्थिति में हुई युवक की मौत, जांच में जुटी पुलिस।

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बगहा। संदिग्ध परिस्थितियों में एक युवक की मौत हो गई है। हालांकि मृतक के परिजन शराब पीने से मौत होने की दावा कर रहे हैं। परिजनों का कहना है कि गांव में ही शराब बनने औऱ बेचने का कारोबार बड़े पैमाने पर किया जाता है। हैरत की बात है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है बावजूद इसके गाँव के लोग पुलिस प्रशासन की जानकारी में यहां शराब के कारोबार करने का आरोप लगा रहे हैं। इतना ही नहीं शव के साथ परिजन इस जानलेवा शराब के कारोबार पर रोक थाम औऱ कार्रवाई की भी मांग कर रहे हैं। घटना लौकरिया थाना क्षेत्र के पीपरा धिरौली वार्ड नम्बर 15 की है। मृतक की पत्नी उर्मिला देवी ने बताया कि बुधवार कि शाम पति हीरालाल राम खेत से काम कर लौटे थे इस दौरान उन्होंने शराब भी पी रखी थी। शाम को तबीयत खराब हो गया। गुरुवार की सुबह तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ। स्थानीय स्तर पर इलाज कराया गया। जिसके बाद उनकी तबियत बिगड़ने लगी तो गुरुवार की देर रात सदर अस्पताल जा रहे थे। इसी क्रम में रास्ते में ही हीरालाल राम कि मौत हो गई। मृतक के परिजनों के आलावा गांव के अन्य लोगों में ख़ुद वार्ड सदस्य व पंच के साथ साथ वार्ड सचिव तक इस बात का दावा कर रहे हैं कि पुलिस प्रशासन की जानकारी में यहां लम्बे समय से शराब बनती है और लोग शराब पीते हैं। इसी बीच हीरालाल राम क़रीब 45 वर्ष भी बीती शाम इसी गांव धांगड़ टोली में शराब पीये थे। घटना के बाद मृतक के परिजनों समेत ग्रामीणों में सरकार व प्रशासन की कार्रवाई को लेकर आक्रोश है लोग ये मांग कर रहे हैं की अगर बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है तो फ़िर इसे पूरी तरह काबू में किया जाए वरना शराब को मानक तय कर खोल दिया जाए ताकि फ़िर कोई दूसरा ग्रामीण ऐसी जहरीली शराब पीने से बेमौत न मरे। बहरहाल ये तो मृतक के परिजनों औऱ ग्रामीणों का दावा है लेकिन हकीकत क्या है। यह तो मृतक के शव का पोस्टमार्टम होने के बाद ही पता चल सकेगा। लेकिन लोग कह रहे हैं कि शराब पीने से ही हीरालाल राम की जान गई है। यहां तक की मृतक के शरीर से शराब की अभी भी बू आ रही है वहीं मुंह से झाग निकलते देखा गया है। बता दें कि मृतक हीरालाल राम अपने पीछे पत्नी समेत चार छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं जिनके सामने अब दो जून की रोटी के निवाले की समस्या खड़ी हो गई है। इस मामले में अभी तक पुलिस प्रशासन की ओर से कुछ भी नहीं बताया जा रहा है क्योंकि छपरा जहरीली शराब कांड अभी थमा भी नहीं है तब तक बगहा में हुए इस संदिग्ध मौत के मामले ने सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर दिया है। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस प्रशासन की ओर से इसकी जांच औऱ मुकम्मल कार्रवाई कब तक कि जाती है क्योंकि गांव के लोग भी ये चाहते हैं कि फ़िर कोई औऱ अकाल मौत के गाल में न समाए।

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