सुखी जीवन में पति का महत्व-पं०भरत उपाध्याय

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अमृत वाणी। एक युवती बगीचे में बहुत गुस्से में बैठी थी, पास ही एक बुजुर्ग बैठे थे। उन्होंने उस परेशान युवती से पूछा क्या हुआ बेटी? क्यों इतना परेशान हो? युवती ने गुस्से में अपने पति की गलतियों के बारे में बताया। बुजुर्ग ने मंद मंद मुस्कुराते हुए युवती से पूछा : बेटी क्या तुम बता सकती हो कि तुम्हारे घर का नौकर कौन है? युवती ने हैरानी से पूछा….क्या मतलब? बुजुर्ग ने कहा : तुम्हारे घर की सारी जरूरतों का ध्यान रखकर उनको पूरा कौन करता है? युवती : मेरे पति। बुजुर्ग ने पूछा : तुम्हारे खाने पीने की और पहनने ओढ़ने की जरूरतों को कौन पूरा करता है? युवती : मेरे पति। बुजुर्ग : तुम्हे और बच्चों की किसी बात की कमी ना हो और तुम सबका भविष्य सुरक्षित रहे इसके लिए हमेशा चिंतित कौन रहता हैं? युवती : मेरे पति। बुजुर्ग ने फिर पूछा : सुबह से शाम तक कुछ रुपयों के लिए बाहर वालो की और अपने अधिकारियों की खरी खोटी हमेशा कौन सुनता है? युवती : मेरे पति। बुजुर्ग : परेशानी और गम में कौन साथ देता है? युवती : मेरे पति। बुजुर्ग : तुम लोगों के अच्छे जीवन और रहन सहन के लिए दूरदराज जाकर, सगे संबंधियों को….. यहां तक अपने मां बाप को भी छोड़कर घर से दूर नौकरी करने को कौन तैयार होता है? युवती : मेरे पति। बुजुर्ग : घर के गैस, बिजली पानी, मकान, मरम्मत एवं रखरखाव, सुख सुविधाओं, दवाईयों, किराना, मनोरंजन, बैंक, बीमा, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, पास पड़ोस, ऑफिस और ऐसी ही ना जाने कितनी सारी जिम्मेदारियों को एक साथ लेकर कौन चलता है? युवती : मेरे पति। बुजुर्ग : बीमारी में तुम्हारा ध्यान और सेवा कौन करता है? युवती : मेरे पति। बुजुर्ग बोले : एक बात और बताओ कि तुम्हारे पति इतना काम और सबका ध्यान रखते है, क्या कभी उसने तुमसे इस बात के पैसे लिए? युवती : कभी नहीं। इस बात पर बुजुर्ग बोले कि…पति की एक कमी तुम्हे नजर आ गई मगर उसकी इतनी सारी खूबियां तुम्हे कभी नजर नहीं आई?

आखिर पत्नी के लिए पति क्यों जरूरी है?

मानो या ना मानो जब तुम दुखी हो तो वो तुम्हे कभी अकेला नहीं छोड़ेगा। वो अपने दुख अपने ही मन में रखता है, लेकिन तुम्हे नहीं बताता ताकि तुम दुखी ना हो। हर वक़्त हर दिन…तुम्हे कुछ अच्छी बाते सिखाने की कोशिश करता रहता है ताकि वो कुछ समय शांति के साथ घर पर व्यतित कर सके और दिन भर की परेशानियों को भुला सके। हर छोटी छोटी बात पर तुमसे झगड़ा तो कर सकता है, तुम्हे दो बाते बोल भी देगा, परन्तु किसी और को तुम्हारे लिए कभी कुछ नहीं बोलने देगा। एक बात जान लो, पति ही हमेशा काम आयेगा, बाहर वाले सिर्फ सलाह दे सकते हैं या तुम्हारी शिकायतें सुनकर सिर्फ बाते बनाएंगे। पति ईश्वर का दिया एक विशेष उपहार है । इसलिए उसकी उपयोगिता जानो और उसकी देखभाल करो एवं उसे सम्मान दो। एक अच्छी हमसफ़र बनकर जीवन के पथ पर पग पग पर उसका साथ दो। हर बेटी का भाल चमकता रहे, वह कभी मन, वचन, कर्म से कंगाल न हो , यही कामना है।

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