बगहा। वर्षा रुकने से एकबार फिर किसान बेहाल।विशेषकर धान की फसल को ले चिंतित हैं।उनकी नींद पुनः उड़ने लगी है।कहते हैं कि धान ,पान, खीरा ई तीनों पानी के कीरा। पानी के अभाव में ये बर्बाद हो जाते हैं। सावन माह तो इस साल दो माह का हुआ था। बावजूद पानी आवश्यकता से बहुत कम हुआ। लोगों को आशा थी कि यदि पहले बारिश नहीं हुई तो बाद में तो मूसलाधार वर्षा होना ही है। परंतु अब तो भादो में भी वर्षा की किल्लत है। यदि पर्याप्त वर्षा नहीं हुई तो ठान की फसल की पैदावार काफी कम हो जाएगी।अब जबकि बालियां निकलने को है।इस समय खूब वर्षा होती है। बावजूद अभी भी किसान आकाश की ओर आशा भरी निगाह से देखते रहते हैं।