बेतिया/बगहा/ठकराहाँ। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा योजना केवल कागजी आंकड़ों तक सिमट कर रह गई है। जिम्मेदार इस योजना में जमकर लूट-खसोट कर सरकारी धन का बंदरबांट कर अपनी जेब भरने में लगे हैं। असल में जो इसके हकदार हैं मनरेगा मजदूर वह मारे-मारे फिर रहें हैं। उनके घर के चूल्हे किसी तरह जल रहे है, तो वहीं जिम्मेदार इनके हक पर डाका डाल मौज कर रहे हैं। अगर कोई ग्रामीण इसकी शिकायत करते है तो ठकराहा पीओ मामले की लीपापोती कर उसका भुगतान भी कर देते है। मामला ठकराहा प्रखंड के जगीरहा पंचायत का हैं जहां मनरेगा योजना से तटबंध की सुरक्षा को ताक पर रख कर टीआरएल (बांध) से सटे जेसीबी से पोखरे की खुदाई जेसीबी मशीन से करवाया गया ग्रामीणों के विरोध के बाद पीओ हरिशंकर प्रसाद ने करवाई का आश्वासन दिया उधर ग्रामीणों का आक्रोश शांत होने के उपरांत उक्त योजना का भूगतान कर लिया गया, तो वहीं भूगतान के बाद भी कार्यस्थल पर कहीं भी डिस्प्ले बोर्ड नहीं लगाया गया है। ताकि ग्रामीण यह समझ सके कि यह कार्य मनरेगा योजना से हुआ हैं तो वही जिम्मेदार अधिकारी आफिसों में बैठ बिना जांच पड़ताल किए योजना के पैसे का भुगतान कर देते हैं। लेकिन जो असल में मनरेगा मजदूर हैं वह आज भी बेरोजगार बने हुए हैं। वही ग्रामीणों की माने तो जिस पोखरे की खुदाई जिस दिन जेसीबी से कराई जा रही थी।उस दिन भी ब्लॉक के अधिकारियों तथा सिंचाई विभाग के अभियंताओं से शिकायत की गई, आज तक कोई कार्रवाई इस पर नहीं हुई है स्पष्ट रूप से जेसीबी से खुदाई का वीडियो सामने आया है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मामले में लीपापोती करनें में जुटे हैं। वही पीओ हरिशंकर प्रसाद ने बताया की ग्रामीणों द्वारा अनावश्यक विरोध किया जा रहा है मजदूर काम किए है तो भुगतान किया जाएगा। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता अशोक रंजन ने बताया की इसकी जांच की जायेगी यदि पोखरे की खुदाई तटबंध से 150 सौ मीटर की भीतर हुआ है तो कारवाई की जायेगी।