बगहा। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल 2 के वाल्मीकिनगर रेंज के भेड़ीहारी जंगल के वन कक्ष संख्या एम 26 में दो अलग अलग जगहों पर मिले बाघ और तेंदुए के शव को कोतराहां वन परिसर में पोस्टमार्टम के उपरांत उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। बताते चलें कि गुरुवार की शाम इनके मरने की सूचना पर वन विभाग में हड़कंप मच गया था। आनन फानन में घटना स्थल पर वन अधिकारियों का जमावड़ा लग गया था। घटना स्थल पर पहुंच वन अधिकारियों ने बाघ और तेंदुए के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कर उन दोनो के बिसरे को टेस्ट के लिए देहरादून और बरेली भेज दिया है। इस बाबत जानकारी देते हुए सीएफ नेशामणि ने बताया कि प्रथम दृष्टया इन दोनो की मौत बिजली की करेंट से हुई प्रतीत होती है। साथ ही बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के वास्तविक कारणों की सही जानकारी मिल सकेगी। इस मौके प्रभारी डीएफओ प्रद्युमन गौरव, रेंजर अवधेश प्रसाद सिंह, पशु चिकित्सक मनोज कुमार टोनी, सहित अन्य वनकर्मी मौजूद रहे। बता दें कि वन विभाग द्वारा लगातार गश्त करने, अपने ड्यूटी पर हमेशा तत्पर रहने की बातें खोखली साबित हो रही है। वन प्रशासन वन सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास में लगा रहता हैं। बावजूद इसके कुछ समय के अंतराल पर वन्य जीवों की मौत कभी बिजली के करेंट से तो कभी अन्य तरीके से होती रहती है। उनकी मौत वन विभाग के कार्यशैली पर कई तरह के सवाल खड़े करती हैं?