हाथी पाँव से बचाव को लेकर सभी को सर्वजन दवा सेवन करना है जरूरी-: डॉ0 रमेश चंद्र

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बेतिया। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत बेतिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजदेवड़ी में सुक्रवार को सिफार संस्था के सहयोग से मिडिया कार्यशाला का आयोजन अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा की अध्यक्षता में आयोजित की गईं। मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ0 रमेश चंद्र ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जिससे ग्रसित होने पर यह लोगों को विकलांग तक बना देता है। फाइलेरिया (हाथी पाँव) के हो जाने के बाद इलाज संभव नहीं है, इसलिए इससे लोगों को बचाने के लिए जन जागरूकता कर फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया जाना जरूरी है। जिले के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया की फाइलेरिया की रोकथाम के लिए जिले के सभी प्रखंडो में 10 फ़रवरी से प्रथम तीन दिनों तक विद्यालयों में बूथ लगाया जाएगा, उसके बाद 14 दिनों तक आशा व स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से प्रत्येक घर में 2 वर्ष से ऊपर के स्वस्थ लोगों को दवा खिलाई जाएगी। कार्यक्रम में उपस्थित जिला सुचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी अनंत कुमार ने कहा की के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जन-जन में जागरुकता जरूरी है जिसके लिए मीडिया का सहयोग आवश्यक है उन्होंने उपस्थित सभी प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक/ शोशल मीडिया/ कर्मियों से जागरूकता के कार्यों में सहयोग का अपील किया।

– आशा प्रत्येक घर का भ्रमण कर सामने खिलाएगी दवा:- डीसीएम राजेश कुमार ने कहा कि सर्वजन दवा के कार्यक्रम के सफलतापूर्वक संचालन के लिए आशा प्रत्येक घर का भ्रमण करेंगी। वे प्रतिदिन 50 घरों का दौरा करेंगी एवं अपने सामने दवा खिलाएगी। उन्होंने बताया की इसके लिए सभी प्रखंड स्तर पर टीम तैयार कर ली गई है। एक टीम में दो आशा रहेंगी। दवा की पर्याप्त मात्रा सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रोग से ग्रसित लोगों को दवा नहीं खिलायी जाएगी । सभी प्रखंडों में टास्क फोर्स कमेटी का गठन किया जा चुका है। हर उम्र के लोगों के लिए अलग खुराक निर्धारित है।मौके पर डीसीएम राजेश कुमार एवं सेवानिवृत फाइलेरिया इंचार्ज राजकुमार शर्मा ने डीईसी एवं एल्बेंडाजोल दवा का सेवन किया।

सर्वजन दवा सेवन करने से हाथी पाँव से होता है बचाव :- डब्ल्यूएचओ के ज़ोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. माधुरी देवराजू ने बताया कि आमतौर पर फाइलेरिया का संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है और सामाजिक दंश भी झेलना पड़ता है। यह एक घातक रोग है जिससे पांच वर्षों तक साल में एक बार दवा सेवन कर बचा जा सकता है। इस अभियान में डीईसी एवं एलबेंडाजोल की गोलियां दी जाएगी। दो से 5 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा, डीसीएम राजेश कुमार,वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेंद्र कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मो शहाबुद्दीन,सीफार से अमित कुमार, सिद्धांत कुमार, पीसीआई डीसी बिपिन कुमार, पिरामल से श्याम सुन्दर कुमार,व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थें।

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