बगहा। गंडक पार के मधुबनी प्रखण्ड अंतर्गत राजकीयकृत हरदेव प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज मधुबनी के पूर्व प्राचार्य पंडित भरत उपाध्याय आजादी के अमृत महोत्सव के उमंग मे सराबोर हुई। स्वतंत्रता दिवस पर स्थानीय देवकन्या शिक्षण संस्थान में झंडारोहण करते हुए कहा कि अद्भुत संयोग है कि स्वतंत्रता दिवस का 77वां पावन वर्ष संवत 2080 विक्रम के अधिक श्रावण कृष्णा चतुर्दशी तिथि को मनाया जा रहा है ध्यान देने की बात है कि अधिक श्रावण कृष्णा चतुर्दशी संवत 2004 वि०15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र हुआ था।इसलिए इसका विशेष महत्व है।उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंगो के कारण ही इसे तिरंगा कहा गया है।भारत के तिरंगे राष्ट्रीय ध्वज से आज देश का बच्चा-बच्चा परिचित हो गया है। हमें तिरंगे से और भी अनुशासित और निष्ठावान बनने के लिए यह जानना भी अति महत्वसपूर्ण है कि इसके तीन रंग के मध्य में अशोक चक्र रहता है,हमारे राष्ट्रीय ध्वज में केसरिया रंग सबसे ऊपर होकर त्याग, शौर्य,साहस एवं बल का प्रतीक है।यह रंग भारतीय जवानों के बहाए गए रक्त को भी दर्शाता है जो कि राष्ट्र की रक्षा के लिए सीमा पर दुश्मन के साथ युद्ध में बहता है और इसी कारण इस रंग को राष्ट्रीय ध्वज में सबसे ऊपर प्राथमिकता मिली है।
हमारे राष्ट्रीय ध्वज में सफेद रंग सच्चाई,शांति और पवित्रता का प्रतीक है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज में हरे रंग का महत्व यह है कि हरा रंग भारत में छाई हरियाली, खुशहाली एवं सपन्नता को प्रदर्शित करता है। प्रत्येक राष्ट्र का ध्वज उसके अंतरतम की भावनाओं,आंकाक्षाओं और आदर्शों का प्रतीक होता है।अंत में यह निष्कर्ष है कि राष्ट्रीय झंडा सम्मान देश भक्ति,शांति और राष्ट्र की एकता के उत्सव का प्रतीक होता है। भारतीय नागरिक होने के नाते हमें अपने राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना चाहिए। यह हमारा कर्तव्य भी है,इस अवसर पर पूर्व बीडीओ रमेश मणि, अंबरीश मणि,योगेश्वर उपाध्याय,ओम प्रकाश यादव,मुन्ना तिवारी, धीरेंद्र मणि त्रिपाठी, अखिलेश शांडिल्य, घनश्याम मणि ने भी, बच्चों को संबोधित कर उनका उत्साहवर्धन किया।वही कार्यक्रम के अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रम के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किया गया।