कैसे होगी बिहार में शराब बंदी, जब उत्पाद अधीक्षक ही शराब माफिया से मिलकर 8 वर्षो शराब की तस्करी में था शामिल।

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बिहार/पटना/बक्सर। बक्सर के उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक को सस्पेंड किया गया है। शराब माफिया से सांठगांठ कर उत्तर प्रदेश से शराब लाकर शराबबंदी वाले बिहार में तस्करी कराने का आरोप उत्पाद अधीक्षक पर लगा है। नीतीश कुमार की शराबबंदी कानून को ठेंगा दिखाने वाले इस भगोड़े अधिकारी पर अब कार्रवाई की गयी है। शराब के धंधेबाजी का आरोप लगे इस अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। उत्पाद अधीक्षक पर इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमें में हड़कंप मचा हुआ है। बताया जाता है कि बक्सर उत्पाद विभाग के अधीक्षक दिलीप पाठक के खिलाफ बक्सर के ही औद्योगिक थाने में केस दर्ज कराया गया था जिसके बाद से ये फरार थे। बाद में पटना हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद ये फिर से बक्सर में योगदान देने के फिराक में थे लेकिन विभाग ने समय रहते त्वरित कार्रवाई करते हुए भगोड़े उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक को सस्पेंड कर दिया। इतने बड़े ओहदे पर रहते हुए ये 8 साल से शराब की तस्करी करवा रहे थे। जब से बिहार में शराबबंदी कानून बना तभी से ये शराब की तस्करी से जुड़े थे। यूं कहे कि जिनके कंधे पर शराबबंदी कानून को कारगर तरीके से लागू कराने की जिम्मेदारी थी वही शराब की तस्करी कराते थे। उत्तर प्रदेश से लाकर शराबबंदी वाले राज्य बिहार में शराब बेचवाते थे। दरअसल 21 जून 2024 को औद्योगिक थाने की पुलिस ने शराब से लदे तीन वाहन स्कॉर्पियो, इंडिका, होंडा सिटी कार को पकड़ा था। जिसके बाद केस दर्ज किया गया था। जांच के दौरान पुलिस ने पटना निवासी एक बड़े शराब तस्कर मनीष उर्फ मरांडी को बक्सर से गिरफ्तार किया था। मनीष के मोबाइल से उत्पाद चेक पोस्ट पर तैनात सिपाही शेषनाथ यादव को शराब लदी गाड़ियों की तस्वीरें और गाड़ी नंबर वाट्सएप किया गया था। जिसके बाद उत्पाद विभाग की चेकपोस्ट ने बिना कोई जांच किये गाड़ी को छोड़ दिया लेकिन आगे वाहन जांच कर रही बक्सर पुलिस ने धड़ दबोचा। जब सिपाही के फोन को जब्त कर जांच की गई तो उत्पाद विभाग का एक और सिपाही रामशंकर सिंह सहित 8 लोगों को पुलिस ने धड़ दबोचा। जिसके बाद सिपाही के मोबाइल से शराब माफिया और उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक के बीच सांठगांठ करने और मोटी रकम की लेनदेन करने का सबूत मिला। जिसके बाद विभाग ने उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। शराब माफिया के खिलाफ इस कार्रवाई के बाद पुलिस कर्मियों और अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
लोगों को जब पता चला कि उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक जब से बिहार में शराबबंदी लागू की गयी तब से यह धंधा कर रहे हैं तो सुनकर आश्चर्य भी लगा। लोगों के बीच यह चर्चा हो रही है कि जिनके कंधे पर इस कानून को लागू कराना है उसी ने कानून को तोड़ने का काम किया है। दिलीप पाठक 2016 से ही बक्सर-यूपी के अलग-अलग बॉर्डर से शराब लदे वाहनों को हरी झंडी दिखाकर बॉर्डर पार करवाता था। जिसके एवज में मोटी रकम उत्पाद अधीक्षक के पास पहुंचता था। बिहार के कैमूर जिले में थाने में बैठकर दारोगा, दो चौकीदार और एक बाहरी व्यक्ति के शराब पीने का मामला सामने आया था। चारों को गिरफ्तार कर लिया गया है जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में भी वही देखने को मिला कि जिनके कंधों पर शराब तस्करों को पकड़ने और शराबबंदी को ठीक से लागू करने की जिम्मेदारी दी गयी है वही इस कानून को सरेआम तोड़ रहे हैं।

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