बिहार। पटना। चंपारण। केंद्र सरकार की तरफ से लोकतंत्र की सबसे निचली इकाई पंचायत स्तर तक सरकार के सामाजिक न्याय और सामाजिक सुरक्षा के संदेश को पहुंचाया जाए त्रिस्तरीय राज्य व्यवस्था में पंचायत में किस तरह सामाजिक रूप से न्यायसंगत और सुरक्षित बनाया जा सकें, इस पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन पटना बापू सभागार में सम्पन्न हुआ। जिसमें देश भर से लगभग 800 प्रतिनिधि शामिल हुए जिसमें पतिलार पंचायत का भी चयन हुआ, पूरे प्रखंड में महिला मुखिया के रूप में पायल मिश्रा चयनित हुई चयन का निर्धारण अपने पंचायत और क्षेत्र में बेहतर कार्य को करने के आधार पर किया गया था, मुखिया पायल मिश्रा ने बताया की सरकार की सामाजिक रूप से न्याय संगत और सुरक्षित पंचायत को लेकर अवधारणा है कि गांव में हर व्यक्ति को देखभाल सुरक्षा अधिकार और सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं का लाभ मिल सके इसपर विस्तृत चर्चा हुई और सबसे सुझाव भी लिया गया मुखिया पायल मिश्रा ने पंचायत को माडल पंचायत किस तरह बनाया जा सके इसपर भी अपना सुझाव दिया उन्होंने बताया कि सत्ता का विकेंद्रीकरण होना चाहिए और त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में जनप्रतिनिधि को और विशेष अधिकार देना चाहिए जिससे कि अधिक से अधिक कार्य हो और निर्णय लेने की स्वतंत्रता साथ ही पंचायत के समुचित विकास के लिए प्रति वर्ष समय से फंड प्राप्त हो और कुछ विशेष आकस्मिक फंड का भी प्रावधान किया जाना चाहिए जिससे कि हम तुरंत किसी कार्य को करने में तैयार रहे पंचायतों से अन्य राज्यों में जाकर मजदूरी करने के लिए विवश मजदूरों के सामने सबसे बड़ी समस्या होती है न्यूनतम मजदूरी का होना जो की सरकार की मनरेगा योजना में मजदूरों के न्यूनतम मजदूरी दर को बढ़ाया जाए और समय से उसका भुगतान हो जिससे कि श्रमिक अपने पंचायत में ही रहकर कार्यों को कर सकें और उन्हें उचित मजदुरी और समय भुगतान मिल सके कार्यशाला का आयोजन केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, पंचायती राज मंत्री बिहार सम्राट चौधरी, मदन सहनी समाज कल्याण मंत्री बिहार, केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, पंचायती राज्य मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता के बीच चर्चा की गई।