एक बार मां लक्ष्मी जी ओर मां दरिद्रता देवी जी का खूबसूरती को लेकर झगड़ा हो गया। लक्ष्मी जी कह रहीं थी मैं ज्यादा सुंदर हूँ, और दरिद्रता की देवी जी कह रही थी मैं ज्यादा सुंदर हूँ। दोनों बहनें अपने झगड़े के समाधान हेतु शिवजी के पास पहुंची और शिवजी से पूछा कि हम दोनों में से सुन्दर कौन है ? शिवजी ने सोचा मैं कहां इन औरतों के सुंदरता वाले झगड़े में पडूँ, उन्होंने बात को टालने हेतु दोनों बहनों से कह दिया इसका उत्तर पृथ्वी पर किसी भी नगर में जाकर कोई मारवाड़ी से पूछो, मारवाड़ी इसका सही उत्तर दे देगा। दोनों बहनें भेष बदलकर एक नगर में आती हैं और मारवाड़ी की दुकान पर पहुंचती है, तथा मारवाड़ी से पूछती हैं कि हम दोनों में से सुन्दर कौन है ??? मारवाड़ी समझ जाता है यह दोनों साधारण महिलाएं नहीं हैं … मारवाड़ी बहुत सोच समझकर कहता है कि मेरी दुकान के सामने वह पीपल का पेड़ है, आप दोनों वहां तक चल कर जायें और लौटकर आयें, तब मैं बता दूँगा कि आप दोनों में से सुन्दर कौन है। लक्ष्मी जी और दरिद्रता की देवी जी उस पीपल की ओर चल पड़ती हैं और जब दोनों पीपलके पेड़ को छूकर वापस आईं तो मारवाड़ी से पूछने लगीं कि भाई अब बताओ हम दोनों में से सुन्दर कौन है। तब मारवाड़ी दरिद्रता की देवी जी से कहता है : बहन आप जाते हुए सुंदर दिखती हो और लक्ष्मीजी से कहता है आप आते हुऐ सुन्दर दिखती हो। तब से बुद्धिमान मारवाड़ी का जवाब सुनकर दरिद्रता कभी मारवाड़ी के घर पर आती ही नहीं है, और मां लक्ष्मी जी कभी मारवाड़ी के घर से जाती ही नहीं।