बगहा/ठकरहा। बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा-व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए शिक्षा विभाग नित नये फरमान जारी कर रहा है। लेकिन शिक्षक हैं जिन्होंने तय कर लिया हैं कि हम नहीं सुधरने वाले। मास्टर साहब की निष्ठा और समर्पण की अद्वितीय कहानी, स्क्रीन पर दिख रहा फोटो बयान कर रहा है। बात ठकराहा प्रखंड क्षेत्र की प्राथमिक विद्यालय कनवापट्टी की है, जहां के शिक्षक अपने ड्यूटी के प्रति इतने समर्पित हैं कि बच्चों को ज्ञान की गंगा में नहलाते नहलाते खुद ही नींद की सागर में डूब जाते हैं। स्कूल पहुंचते ही बच्चों को देखकर उनके उज्ज्वल भविष्य की तस्वीर मास्टर साहब के आंखों के सामने झलकने लगती है। यह देखकर वे कुछ पल के लिए चिंता मुक्त हो जाते हैं और कार्यालय की शांत कमरे में पंखे की हवा के नीचे न चाहते हुए भी नींद की सागर में डूब जाते हैं। बच्चों के भविष्य की चिंता में मास्टर साहब हमेशा व्यस्त रहते हैं। वे पूरी रात बिस्तर पर करवटें बदलकर गुजार देते हैं, लेकिन स्कूल में बच्चों के बीच आकर वे फिर से अच्छी नींद के लिए सक्रिय हो जाते हैं और सपनों में बच्चों की उज्जवल भविष्य की गाथा लिखते हैं। वाकई एक शिक्षक के लिए यह साहस और समर्पण की एक अनोखी कहानी है। मास्टर साहब के इस समर्पण से यह सीख मिलती है कि असली शिक्षक अपने छात्रों के भविष्य के लिए हमेशा चिंतित रहता है और उनके लिए वह रातों में बिस्तर पर नहीं सोता बल्कि छात्रों की उज्जवल भविष्य के लिए स्कूल प्रियड में खर्राटे की आवाज से नकारात्मक शक्तियों को दूर करने का प्रयास करता है। प्रखंड के अन्य शिक्षकों के लिए यह एक सच्ची मिसाल है, जिसका अनुश्रवण करने की जरूरत है, ताकि प्राथमिक विद्यालय कनवापट्टी की तरह अन्य विद्यालय का नाम भी रौशन हो और समर्पण की अनोखी कहानी लिखी जाए।
आइए आपको बताते है इस अद्वितीय कहानी के पीछे की पूरी हकीकत।
शिक्षा विभाग के लाख कोशिश के बावजूद बिहार से आय दिन शिक्षकों की उदासीनता की तस्वीरें सामने आ रही है। पढ़ाने के समय टेबल पर पैर पसार कर खर्राटे ले रहे शिक्षकों के फोटो व वीडियो वायरल हो रहे है। एक फोटो ठकराहा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय कनवापट्टी से सामने आया है। जहां विद्यालय के सहायक शिक्षक कार्यालय में पैर पसार सो रहे है। नींद इतनी गहरी कि सामने कैमरा आया शिक्षक महोदय की तस्वीर को कैद किया लेकिन मास्टर साहब की नींद में खलल भी नही पड़ी, हालांकि कैमरे में मास्टर साहब की मक्कारी कैद हो गयी और अब फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। नींद बड़ी चीज है ! साहब: कुर्सी पर बैठे और सामने लगी टेबल पर पैर पसारकर मास्टर साहब जमकर खर्राटे ले रहे हैं। मध्यांतर के बाद स्कूल में छात्र आ चुके हैं। शोरगुल भी हो रहा है, लेकिन मास्टर साहब पढ़ाने की बजाय अपनी नींद पूरी कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा ये फोटो प० चम्पारण जिले के ठकराहा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय कनवापट्टी का है। पढ़ाने की बजाय पंखे की ठंडी हवा में आराम फरमा रहे शिक्षक का नाम दिग्विजय साह है। दिग्विजय के कंधों पर बच्चों का भविष्य संवारने की महती जिम्मेदारी शिक्षा विभाग ने सौंपी है। लेकिन बच्चों के भविष्य से इनका क्या लेना-देना उनके लिए तो बच्चों की पढ़ाई से जरूरी है। आराम फरमाना अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विभाग शिक्षक के इस कृत्य को लापरवाही मानते हुए कार्रवाई करेगा या फिर समर्पण मानकर अनदेखा कर दिया जाएगा?