जीवन के इन तीन चरणों में दुखी न हों :- पं०भरत उपाध्याय

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पहला कैंप :-58 से 65 वर्ष कार्यस्थल आपसे दूर हो जाता है। अपने कैरियर के दौरान आप चाहे, कितने भी सफल या शक्तिशाली क्यों न हों, आपको एक साधारण व्यक्ति ही कहा जाएगा। इसलिए, अपनी पिछली नौकरी की मानसिकता और श्रेष्ठता की भावना से चिपके न रहें।

दूसरा कैंप :-65 से 72 वर्ष इस उम्र में, समाज धीरे-धीरे आपको दूर कर देता है। आपके मिलने-जुलने वाले दोस्त और सहकर्मी कम हो जाएँगे और आपके पिछले कार्यस्थल पर शायद ही कोई आपको पहचानता हो। यह न कहें कि “मैं था…” या “मैं कभी था…” क्योंकि युवा पीढ़ी आपको नहीं पहचानेगी, और आपको इसके बारे में बुरा नहीं मानना ​​चाहिए!

तीसरा कैंप :-72 से 77 वर्ष इस कैंप में, परिवार धीरे-धीरे आपको दूर कर देगा। भले ही आपके कई बच्चेऔरनाती-नातिन हों, लेकिन ज़्यादातर समय आप अपने साथी के साथ या अकेले ही रह रहे होंगे। जब आपके बच्चे कभी-कभार आते हैं, तो यह स्नेह की अभिव्यक्ति है, इसलिए उन्हें कम आने के लिए दोष न दें, आपके अपने हैं तो आएंगे जाएंगे जरूर क्योंकि वे अपने जीवन में व्यस्त हैं! और अंत में 77+ + के बाद, आपका कोई खास कार्य नहीं रह जाता इस दुनिया में अतः धरती आपको नष्ट करना चाहती है। इस समय, दुखी या शोक मत करो, क्योंकि यह जीवन का अंतिम चरण है, और हर कोई अंततः इसी मार्ग का अनुसरण करेगा! इसलिए, जब तक हमारा शरीर अभी भी सक्षम है, जीवन को भरपूर जिएँ आनंद लें। आपका जो पसंद है वो खाएँ, खेलें और जो पसंद है वो करें। 58+ या रिटायर्ड के बाद दोस्तों का एक समूह बनाएँ और कभी-कभार एक निश्चित स्थान पर, एक निश्चित समय पर मिलते रहें, टेलीफोनिक संपर्क में रहें। पुराने जीवन के अनुभवों को याद करें और एक-दूसरे के साथ साझा करें।

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