मानसिक तनाव की वजह “झूठ” है -पं०भरत उपाध्याय

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कुछ लोग मन से कुछ होते हैं वाणी से कुछ! सार्वजनिक जीवन में आदर्श का पाठ पढ़ते हैं! और व्यक्तिगत जीवन में उसके विपरीत आचरण करते हैं इसको ही झूठ कहा जाता है। अभिमान और अकड़ यह मानसिक बीमारी है”महत्वपूर्ण संपत्ति” नहींहै, महत्वअच्छे” स्वभाव” का है इसलिए “रुपये” से ज्यादा अच्छे स्वभाव वाला “ज्यादा अमीर” हैं। हद से ज्यादा ख़ुशी और हद से ज्यादा ग़म कभी किसी को मत बताओ, ज़िंदगी में लोग हद से ज्यादा ख़ुशी पर “नज़र “और हद से ज्यादा ग़म पर “नमक”ज़रूर लगाते हैं।इनसान दुखी रहता है क्योंकि वह चीजों को पकड़ कर जीता है कोई धन को पकड़ कर जीता है कोई बीते हुए दिनों की बातों को,तो कोई आने वाले दिनो के फिक्र को पकड़ कर जीता है जितना पकड़ोगे उतना इनसे अपने मन को छुड़वा नहीं पाओगे। सब फिक्र छोडकर परमात्मा का हाथ पकड़कर जियो क्योंकि जिसने भेजा है इस दुनियां मे वही सम्भालेगा। जिसने इस छोटी सी बात को समझ लिया समझो सुखों ने उसको जकड़ लिया हर एक शख्स खुश रहने के लिए सारी ही ज़िंदगी परेशान बहुत है झूठ धोखा और बहाने आप को कुछ पल की खुशी देंगे लेकिन इसकी कीमत आपको भविष्य में चुकानी पड़ेगी।

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