सावधानी हटी दुर्घटना घटी, आगलगी पर रोक लगाने का बेहतर उपाय।

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बगहा। गर्मी के मौसम में पछुआ हवा चलने से अगलगी की घटनाएं बढ़ जाती है। खासकर ग्रामीण इलाकों में इसका कहर ज्यादातर देखने को मिल रहा है। ज्यादातर खाने बनाने के वक्त यह घटना घटती हैं। अगलगी में घर एवं फसल को नुकसान होता है। आग कभी शॉट सर्किट से तो कभी चूल्हे की चिंगारी से तो कभी खेत में जलते हुए बीड़ी-सिगरेट फेंकने से लगती है। हाल के दिनों में इस तरह की कई घटनाएं सामने भी आई है। छोटी सी चिंगारी पछुआ हवा में शोला बनकर बड़े नुकसान का कारण बना है।गर्मी के मौसम में पछुआ हवा चलने से अगलगी की घटनाएं हो रही है।अगर सावधानी बरती जाए तो आग से बचाव किया जा सकता है। उक्त आशय की जानकारी अनुमंडल फायर ब्रिगेड पदाधिकारी,बगहा अनिल कुमार वर्मा ने दिया।उन्होंने बगहा पुलिस जिला वासियों से अपील किया गया की अहले सुबह से नौ बजे तक लोग खाना बना लें। खाना बनाने के बाद चुल्हे में पानी अवश्य डाल दें। यदि गैस पर खाना बनाते हैं तो खाना बनाने के बाद रेगुलेटर बंद कर दें। समय समय पर रेगुलेटर और रेगुलेटर पाइप को बदल रहें।

आसपास फैले खर पतवार में भूल से भी आग नहीं लगाएं। घर में बिजली इस्तेमाल को लेकर अच्छे क्वालिटी के तार का इस्तेमाल करें। खेत-खलिहान में बीडी, सिगरेट कतई ना पीएं। आग लगने पर 101,112 नंबर पर फायर ब्रिगेड को तुरंत सूचना दें।
बिजली तार को व्यवस्थित रखें ताकि शार्ट सर्किट न हो साथ ही खाना बनाने के समय सवाधानी बरतें। खाना बनाने के बाद चुल्हे की राख को इधर-उधर न फेंके। इससे पछुआ हवा में आग लगने की संभावना बनी रहती है। चुल्हे की आग को पानी डालकर पूरी तरह बूझा दें।खेतों में कभी बिजली तार की चिंगारी से तो कभी जलता सिगरेट व बीड़ी फेंक दिए जाने से आग लग जाती है तो उक्त जगह स्थानीय लोग आग बचाव कार्य करते हुए फायर ब्रिगेड त्वरित सूचित करें।ताकि आग को बुझाया जा सकें। गर्मी के दिनों में संवेदनशील स्थानों को चिन्हित करने एवं उन स्थानों पर दमकल या बड़े ड्रम या गैलन में पानी की व्यवस्था हो तो नुकसान कम हो सकता है। इन छोटी-छोटी बातों पर अमल किया जाए तो आग से बचा जा सकता है।

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