फर्जी मामला पत्रकार पर दर्ज करना इंस्पेक्टर को पड़ा महंगा, इंस्पेक्टर पर वारंट जारी।

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बेतिया। पश्चिम चम्पारण बेतिया जिला के शिकारपुर पुलिस अंचल के तत्कालीन पुलिस निरीक्षक सीताराम सिंह को पत्रकार मंजयलाल सत्यम मामला में पटना हाई कोर्ट ने झटका दिया दे दिया है। बता दे कि पटना उच्च न्यायालय ने उनके क्वॉइस को एक सिरे से ख़ारिज करते हुए, पत्रकार को न्याय दिया है। उल्लेखनीय है कि पत्रकार मंजय लाल सत्यम के साथ दुर्व्यवहार एवं लगातार फर्जी मुकदमा कराने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने सीताराम सिंह इंस्पेक्टर की याचिका खारिज कर दिया।

श्री सत्यम से दुर्व्यवहार की घटना 12 अक्टूबर 2014 समय लगभग 5:30 बजे शाम की बताई गई है। पश्चिम चम्पारण जिला के व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश ने उपर्युक्त मामला में श्री सिंह को तलब किया, बेतिया न्यायालय में उन्हें उपस्थित नहीं होने पर, न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी वारंट निर्गत किया है। पत्रकार मंजय लाल सत्यम ने न्यायालय को बताया है कि दलित समझकर मुझे प्रताड़ित किया गया। उनके इशारा उनके पक्ष में तत्कालीन थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह, तत्कालीन सअनि वीरेन्द्र सिंह व अन्य ने प्रताड़ित किया है।

मंजय लाल सत्यम ने बताया कि एक व्यक्ति राजीव रंजन जो शराबी था। उसे थानाध्यक्ष और इंस्पेक्टर सीताराम सिंह शराब पिलाकर फर्जी रंगदारी का केस दर्ज कराया। जब उसे होश आया तो उसने बताया कि वह झूठा केस नही करेगा, तो उसे भगा दिया गया। फिर वह व्यकि न्यायालय में सुलहनामा डाल दिया। उसके बाद उसकी मौत हो गई। मंजय लाल सत्यम मामले में न्यायालय द्वारा मिले निर्देश ने पत्रकारों का मान बढ़ाया है।

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