मझौलिया से राजू शर्मा की रिपोर्ट..
बेतिया/मझौलिया। बदलता मौसम और तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव सामान्य तौर पर शरीर के लिए दिक्कतें पैदा करता है। खासकर सर्दियों में शिशु की देखभाल करना काफी मुश्किल होता है। नवजात शिशुओं को अक्सर ठंड के मौसम में हाइपोथर्मिया होने का खतरा रहता है इसमें शरीर का टेम्परेचर कम हो जाता है ऐसा ना हो इसके लिए जरूरी है कि आप शिशु को गर्म कपड़े पहनाकर रखें उसके हाथ, पैरों और सिर को खासकर ढककर रखें। उक्त बातें ब्लॉक रोड मझौलिया स्थित ग्रीन लाइफ हॉस्पिटल के निदेशक नवजात एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शहजाद आलम ने दी । उन्होंने बताया कि बच्चों की त्वचा तो बेहद नाजुक, सेंसेटिव और सॉफ्ट होती है। ठंड के मौसम में बच्चों की देखभाल करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। क्योंकि जरा सी लापरवाही बरती जाए तो बच्चे बीमार हो जाते हैं । किसी बच्चे का जन्म ठंड के मौसम में हुआ है तो उसे खास देखभाल की जरूरत होती है। इस मौसम में हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस काफी तेजी से बढ़ते हैं और नवजात शिशु को जल्दी अपना शिकार बनाते हैं। चूंकि, बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है। ऐसे में लापरवाही बरतने से शिशु की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। नवजात शिशुओं को माँ का दूध अमृत के समान है। शिशु को पहले छह महीने तक केवल स्तनपान पर ही निर्भर रखना चाहिए। यह शिशु के जीवन के लिए जरूरी है, क्योंकि मां का दूध सुपाच्य होता है और इससे पेट की गड़बड़ियों की आशंका नहीं होती। मां का दूध शिशु की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक होता है। नवजात शिशु में अगर किसी भी प्रकार का कोई समस्या हो तो नजदीकी चिकित्सक से जरूर संपर्क करें। नवजात शिशु को उचित देखभाल से ही उन्हें सुरक्षित रखा जा सकता है।