बेतिया/बगहा। मधुबनी के श्री हरदेव प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज के पूर्व प्राचार्य पंडित भरत उपाध्याय ने अयोध्या में हुए भव्य राम मंदिर उद्घटान को लेकर काफी हर्ष व्यक्त किया और बताया कि भव्य राम मंदिर में रामलला के विग्रह की स्थापना का चिरप्रतीक्षित स्वप्न कल मध्याह्न में पूर्ण हो गया। यह अवसर रामलला, राम जन्मभूमि और रामनगरी के साथ दुनिया के कोटि-कोटि रामभक्तों के लिए अद्भुत,अपूर्व और अत्यंत आनंदकारी रहा।इस अविस्मरणीय अवसर को अनुभूत करने के लिए अयोध्या आतुर थी।भगवान श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाते हैं,वाल्यकाल से ही उनमें ही ये गुण थे,जिन्हें किसी मानव में आदर्श की तरह देखा जा सकता है।उन्होंने ऋषियों की रक्षा के लिए राक्षसों का नाश किया तो पिता की आज्ञा मानकर वैभव त्याग वनवास को चले गए।उन्होंने शबरी के झूठे बेर खाए तो निषादराज को भी गले लगाया।मानव इतिहास में भ्रातृ भक्ति का भरत जैसा उदाहरण मिलना दुर्लभ है,विधि की विधान की यात्रा में जब वह पड़ाव आता है कि उनके बड़े भाई का राज्य उन्हें सौंप दिया जाता है और स्वयं भाई की ही आज्ञा से उन्हें वह राज्य संभालना पड़ता है।तो वह नया दृष्टांत देते हैं,वे राम की पादुकाओं को सिंहासन पर रखकर उनके नाम का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसीलिए राम भी हनुमान के प्रति वात्सल्य दर्शाने को कहते हैं।तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई। राम भरत के लिए मात्र ज्येष्ठ भ्राता ही नहीं उनके आदर्श भी हैं।पुर प्राचार्य ने कहा कि आज पूरा देश राममय हो गया है और भव्य राम मंदिर उद्घाटन की चर्चा पूरे विश्व में हो रही।