बेतिया। सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय, पश्चिम चम्पारण, बेतिया द्वारा मंगलवार को जल-जीवन- हरियाली दिवस का आयोजन जिलाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय द्वारा की गयी। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त अनिल कुमार, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी अनंत कुमार, निदेशक, डीआरडीए, अरूण प्रकाश सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए राज्य सरकार की पहल जल-जीवन-हरियाली अभियान अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। इस अभियान का क्रियान्वयन पश्चिम चम्पारण जिले में लक्ष्य के अनुरूप किया जा रहा है, इसे और तीव्रता के साथ क्रियान्वित करने की आवश्यकता है। जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान अंतर्गत नवंबर माह में सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग को महती भूमिका निभानी है। इस अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित किया जाय। जनजागरूकता कार्यक्रम का संचालन किया जाय। उन्होंने निर्देश दिया कि बैनर, होर्डिंग/फ्लैक्स, नुक्कड़ नाटक, समाचार पत्रों, इलेक्ट्रोनिक समाचार चैनलों, डिजिटल मीडिया यथा-फेसबुक, यूट्यूब, टिवट्र, इन्स्टाग्राम आदि के माध्यम से विशेष अभियान चलाया जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान तभी पूर्णरूप से सार्थक होगा, जब अधिक से अधिक जनभागीदारी होगी। पश्चिम चम्पारण जिले के प्रत्येक व्यक्ति को जल-जीवन-हरियाली की महत्ता को समझाते हुए उन्हें जागरूक एवं प्रेरित किया जाय। उन्हें जल और हरियाली के फायदों से अवगत कराया जाय। इनके संरक्षण हेतु किये जाने वाले उपायों से परिचित कराया जाय। उन्होंने निर्देश दिया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए ग्रामीण विकास, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, राजस्व एवं भिम सुधार, लघु जल संसाधन, नगर विकास एवं आवास, कृषि, भवन, पशु एवं मत्स्य संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायती राज, ऊर्जा, सूचना एवं जन सम्पर्क तथा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को समन्वय स्थापित कर बेहतर तरीके से कार्य कराना सुनिश्चित करेंगे।
उप विकास आयुक्त अनिल कुमार ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अवयव को शत-प्रतिशत क्रियान्वित कराना होगा। इसके अवयव (1) सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं यथा-तालाबों/पोखरों/आहरों/पईनों को चिन्हित कर अतिक्रमणमुक्त करना (2) सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं यथा-तालाबों/पोखरों/आहरों/पईनों का जीर्णोंद्धार (3) सार्वजनिक कुँओं को चिन्हित कर उनका जीर्णोंद्धार (4) सार्वजनिक कुँओं/चापाकलों के किनारे सोख्ता/रिचार्ज, अन्य जल संचयन संरचना का निर्माण (5) छोटी-छोटी नदियों, नालों एवं पहाड़ी क्षेत्रों में अन्य संरचनाओं का निर्माण (6) नए जल स्रोतों का सृजन एवं अधिशेष नदी जल क्षेत्र से जल की कमी वाले क्षेत्रों में जल ले जाना (7) भवनों में छत-वर्षा जल संचयन की संरचना का निर्माण (8) पौधशाला सृजन एवं सघन वृक्षारोपण (9) वैकल्पिक फसलों, टपकन सिंचाई, जैविक खेती एवं अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग (10) सौर ऊर्जा उपयोग को प्रोत्साहन एवं ऊर्जा की बचत एवं (11) जल-जीवन-हरियाली जागरूकता अभियान को सफलतापूर्वक क्रियान्वित कराने की दिशा में ठोस कार्रवाई की जाय। निदेशक, डीआरडीए, अरूण प्रकाश द्वारा बताया गया कि 1390 सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं यथा-तालाबों/पोखरों/आहरों/पईनों का जीर्णोद्धार कार्य प्रारंभ करते हुए 1383 का जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण करा लिया गया है। इसी तरह 1239 सार्वजनिक कुँओं को चिन्हित कर उनका जीर्णोंद्धार कराया गया है। सार्वजनिक कुँओं/चापाकलों के किनारे 1878 सोख्ता/रिचार्ज, अन्य जल संचयन संरचना का निर्माण पूर्ण करा लिया गया है। छोटी-छोटी नदियों, नालों एवं पहाड़ी क्षेत्रों में अन्य संरचनाओं का निर्माण के तहत 91 योजनाएं पूर्ण करा ली गयी है। 364 भवनों में छत वर्षा जल संचयन की संरचना का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया है। इस अवसर पर संवाद कक्ष, सूचना भवन पटना में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, बिहार द्वारा जल-जीवन-हरियाली दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में निदेशक, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग अमित कुमार सहित अन्य अधिकारियों द्वारा जल-जीवन-हरियाली अभियान की महत्ता तथा इसके प्रचार-प्रसार के संदर्भ में विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी, पश्चिम चम्पारण सहित अन्य संबंधित अधिकारी इस कार्यक्रम से जुड़े रहे।